दोस्तो लोग क्यो हिन्दी व्याकरण और हिन्दी मात्रा को एक नीरस विषय समझते है। छात्र भी इसे चाव से नहीं पढ़ते । हिन्दी मात्रा, व्याकरण मेन पहचान होता है, लेकिन जरा सोचो व्याकरण की उपयोगिता के बारे में, क्या किसी भाषा को उसके व्याकरण की सही जानकारी के बिना सीखा जा सकता है ? आप सभी छात्र को matrawale.com पर बिलकुल सही मात्रा और व्याकरण का जानकारी दिया जायेगा । भाषा को सही बोलना – लिखना उसके व्याकरण की सही जानकारी होनी चाहिए। हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है।
हमें इसे शुध्द ढंग से बोलना – लिखना आना चाहिए। इसके लिए विद्वानों ने कुछ नियम बनाए हैं। व्याकरण हमें इन्हीं नियमों की जानकारी देता है। हिन्दी में मात्रा ही वर्णो का श्रृगांर होता है।
हमने राष्ट्रभाषा हिन्दी व्याकरण के नियमों को पुस्तक – इस पोस्ट में सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। हिंदी पुस्तकों में विषय -वस्तु को छात्रों के मानसिक स्तर के अनुसार व्यवस्थित किया गया है। विषय -वस्तु पर आधारित अभ्यास को हल करके छात्र अपने ज्ञान की परीक्षा कर सकेंगे। हमारा विश्वास है इस पोस्ट की पुस्तकें हिंदी व्याकरण के मुख्य तथ्यों को समझने में छात्रों के लिए सहायक होगी।
ध्यान रखिए –
वर्णमाला में अ, आ ………………..क, ख, ग, ……………त, थ……….स, ह सब वर्ण हैं।
वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होते हैं। इनके और छोटे टुकड़े नही हो सकते।
सभी वर्णों का समूह वर्णमाला कहलाता है। वर्णों को ‘अक्षर’ भी कहते है।
आइए, इन्हें जानें –
हिन्दी वर्णमाला
स्वर
अ से……………………………………..अः तक है।
अनुस्वार – अं ( ं)
विसर्ग – अः ( ः )
अनुनासिक – अँ ( ँ)
व्यंजन
क से लेकर …………………………………………………………….ज्ञ तक है।
संयुक्त व्यंजन – क्ष = क् + ष, त्र = त् + र
ज्ञ = ज् + ञ, श्र = श + र
हल चिह्न ( ्) – यह स्वरध्वनि रहित व्यंजन के नीचे लगाया जाता है, जैसे – क् ।
मात्राएँ
व्यंजन और स्वर के मेल से स्वर का रूप बदल जाता है। स्वर का यह रूप मात्रा कहलाता है।
‘अ’ की कोई मात्रा नहीं होती है। शेष स्वरों की मात्राएँ इस प्रकार हैं –
स्वर मात्रा
आ | ा |
इ | ि |
ई | ी |
उ | ु |
ऊ | ू |
स्वर | मात्रा |
ऋ | ृ |
ए | े |
ऐ | ै |
ओ | ो |
औ | ौ |
ध्यान रखिए –
व्यंजनों पर मात्राएँ चार प्रकार से लगाई जाती हैं –
- आ, ई, ओ, औ की मात्राएँ व्यंजन के बाद लगती हैंं जैसे –
क् + आ = का क् + ई = की
क् + ओ = को क् + औ = कौ
2. इ की मात्रा व्यंजन के पहले लगती है जैसे –
क् + इ = कि ख् + इ = खि
3. ए और ऐ की मात्राएँ व्यंजन के ऊपर लगती हैं जैसे –
क् + ए = के ख् + ए = खे
क् + ऐ = कै ख + ऐ = खै
4. उ, ऊ, ऋ की मात्राएँ व्यंजन के नीचे लगती हैं जैसे –
क् + उ = कु क् + ऊ = कू
क + ऋ = कृ
( क ) वर्णमाला के अनुसार रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए और फिर बॉक्स में लिख वर्णों को पढ़िएः
क | ग | ड. | ||
छ | झ |
ट | ठ | ढ | ||
त | द |
प | ब |
( ख ) सभी स्वर लिखिए।
( ग ) सभी व्यंजन लिखिए ।
( घ ) संयुक्त व्यंजन लिखिए ।
शब्द और वाक्य
शब्द –
क्या आपने कोई घर बनते देखा है ? घर में होती हैं – दीवारें। दीवारें बनती हैं ईंटों से। जैसे घर के ढाँचे को ईटों से चुनकर बनाते है,
उसी तरह भाषा का ढाँचा बनता है शब्दों से।
- ‘शब्द’ वर्णों के मेल से बनते हैं।
- हर शब्द का कोई – न – कोई अर्थ होता है, जैसे –
गाय पेड़ रेलगाड़ी
मटर भालू फूल
अगर वर्णों के मेल का कोई अर्थ न निकले तो उसे शब्द नही कहते हैं, जैसे –
लमक ( कोई अर्थ नहीं )
छहल ( कोई अर्थ नहीं )
तचप ( कोई अर्थ नहीं )
दडघ ( कोई अर्थ नहीं )
वर्णो का ऐसा मेल जिसका कोई अर्थ हो, शब्द कहलाता है।
वाक्य –
हम अपनी बात वाक्यों में कहते हैं।
- ‘वाक्य’ शब्दों के मेल से बनते हैं।
- हर वाक्य का कोई अर्थ होता हैं,
जैसे – राम पढ़ता है।. हिरन चरता है।
अगर शब्दों के मेल का कोई अर्थ न हो तो उसे वाक्य नहीं कहतेहैं।
जैसे – 1. रोहन गया स्कूल है। ( कोई अर्थ नहीं )
2. माँ पका है खाना रही। ( कोई अर्थ नहीं )
3. साड़ी पहनी ने रेखा। ( कोई अर्थ नहीं )
इन शब्दों के मेल का कोई अर्थ न हो तो उसे वाक्य नहीं कहते हैं।
जैसे –
1. रोहन स्कुल गया है।
2. माँ खाना पका रही है।
3. रेखा ने साड़ी पहनी।
इन शब्द – समूहों से बात समझ में आ रही है। इसलिए ये वाक्य हैं।
( क ) निम्निलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः
1. शब्द किसे कहते है?
2. वाक्य किसे कहते है?
( ख ) शब्दों पर ( सही ) चिह्न लगाइएः-
आम | तामच | नाला | लेरम | ||||
चनत | मोर | घमन | सूरज | ||||
हिरन | धबल | पैसा | गुलाब | ||||
टमाटर | टरमाट | गाजर | रजगा |
( ग ) शब्दों का क्रम ठीक करके वाक्य बनाइएः
- पिताजी हैं लाए सेब। ……………………………………………….
- सोहन रहा खेल है। ………………………………………………..
- गीता पढ़ेगा मनु आज। ……………………………………………………
- टॉफी है यह अच्छी नही। ……………………………………………………
- बिल्ली चूहा ने पकड़ा। …………………………………………………
( घ ) वर्णो का क्रम ठीक करके शब्द बनाइएः-
री क ब | न ग ग | ||
ज मे | त र भा | ||
ड़ स क | गू अं र | ||
ब कि ता | व अ र न |
संज्ञा किसे कहते है-
आप का नाम क्या है?
- सभी व्यक्तियों और वस्तुओं का नाम होता है।
- सभी नाम संज्ञा कहलाते हैं।
- आपका नाम भी एक संज्ञा है।
नीचे दिए गए संज्ञा को देखिए और उनके नाम याद कजिए-
लड़का लड़की औरत
पुस्तक पेंसिल रबड़
खरगोश शेर साँप
बरगद गुलाब कमल
कबतर मुर्गा तोता
कुर्सी पंखा घड़ी
बचपन बुढ़ापा ताजमहल
इन सभी वस्तुओं और व्यक्तियों के नाम संज्ञा हैं।
अभ्यास
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः –
- संज्ञा किसे कहते है?
( ख ) इनके नाम बताइएः-
- आपके शहर का नाम – ————–
- आप के विद्यालय का नाम – ————-
- आप के पिता जी का नाम – ————–
- आप की माता जी का नाम – ————
- आप का मनपसंद विषय – ————
- आप का मनपसंद कार्टून – ————
संज्ञा ः लिंग
पढ़िए –
पिता माता
बैल गाय
समझिए –
- पिता और बैल पुरूष जाति का बोध करा रहे हैं।
- माता और गाय स्त्री जाति का बोध करा रही हैं।
लिंग शब्द का वह रूप है जो उसके पूरूष या स्त्री जाति होने का बोध कराता है। |
आइए, इन्हें जानें –
- पुल्लिंगः -जो संज्ञा शब्द पुरूष जाति का बोध कराते हैं, वे पुल्लिंग होते हैं,
जैसे – राजा कुत्ता
2. स्त्रीलिंगः -जो संज्ञा शब्द स्त्री जाति का बोध कराते हैं, वे स्तील्लिंग होते है,
जैसे – रानी कुतिया
नीचे दिए गए पुल्लिंग और स्त्रीलिंग शब्दों को याद कीजिए –
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
शेर | शेरनी |
मोर | मोरनी |
हाथी | हथिनी |
पति | पत्नी |
चाचा | चाची |
मामा | मामी |
दादा | दादी |
बेटा | बेटी |
ताऊ | ताई |
नाना | नानी |

पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
धोबी | धोबिन |
माली | मालिन |
हिरन | हिरनी |
नौकर | नौकरानी |
लेखक | लेखिका |
बालक | बालिका |
भानजा | भानजी |
बंदर | बंदरिया |
बूढ़ा | बुढ़िया |
अभ्यास –
( क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः
- कौन- से शब्द पुल्लिंग होते हैं?
- कौन – शब्द स्त्रीलिंग होते हैं?
( ख ) लिंग बदलकर लिखिए –
मोर ————————
बेटी ————————-
पत्नी ————————-
माली ————————