आज दोस्तों हिन्दी वर्णमाला के Free 60+ O Ki Matra Wale Shabd ओ की मात्रा वाले शब्द का आर्टिकल लिखूँगीं । हिन्दी स्वर में दसवा स्थान पर पड़ता हैं, ए, ऐ की तरह ओ की मात्रा (o ki matra wale shabd )भी सीखना जरूरी होता हैं। तो आप अपने बच्चे को इस लेख के मदद से, (o ki matra )ओ की मात्रा का शब्द सीखा सकते हैं। बच्चे को हिन्दी मात्रा सीखना बहुत आवश्य है , अ से अः तक स्वर सीखाते समय व्यजंन की वर्ण पर मात्रा का अभ्यास कराया जाता हैं।
ऐसा स्कूल में टीचर ज्यादा ध्यान दे कर पढ़ाते हैं। क से ज्ञ तक वर्णमाला पढ़ाते हुए, विद्यार्थी को अक्सर मात्रा को लिखना सीखाते है। और उसका बार – बार अभ्यास कराते समय छोटे बच्चे को होमवर्क दिया जाता हैं, बच्चे उन्हें रीपीट करते हैं। ओ की मात्रा के साथ हम बच्चों ओ मात्रा वाला कहानी ( O ki matra ki kahani ) भी उपलब्ध कराई हूँ। जो पढ़कर परिश्रम करने का काफी उत्साह बढ़ेगा।
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Free 60+ O Ki Matra Wale Shabd
कुछ बच्चे तो आसानी से होमवर्क कर लेते है, लेकिन कुछ विद्यार्थी को काफी कठीनाई होती हैं। इस कठिनाई को दूर करने के लिए मैं इस आर्टिकल के माध्यम से मात्राओं का ज्ञान आसानी से उपलब्ध कराती रहूंँगी। जो कि अपना होमवर्क इस लेख के द्वारा आसानी कर सके। ओ की मात्रा वाला शब्द के साथ ओ की मात्रा का 25 वाक्य (O ki matra wale kuchh shabd )भी उपलब्ध कराई हूँ ।
तो दोस्तों इसमें वाक्य के साथ ओ की मात्रा का कहानी भी हैं। जो पढ़ने में अच्छा लगेगा। और उसके द्वारा अच्छा सीख भी मिलेगी । बच्चों को मात्रा के साथ -साथ छोटें वाक्य का ज्ञान भी टीचर देते रहते हैं।तो चलिए मैं आप लोगों को टेबल के माध्यम से शब्द लिखूँगी।
- दो अक्षर वाले शब्द ओ की मात्रा
- ओ की मात्रा वाले तीन अक्षर का शब्द
- ओ की मात्रा वाले चार अक्षर का शब्द
- ओ की मात्रा का वाक्य
O Ki Matra Wale दो अक्षर वाले शब्द
ओम् | सोम | ओल |
खोल | झोल | टोन |
फोन | बोल | खोना |
सोना | टोना | धोना |
मोना | लोटा | बोटा |
खोटा | छोटा | छोड़ी |
गोरी | बोरा | भोली |
टोली | गोली | धोनी |
कोना | जोगी | जोभी |
होनी | सोनी | खोनी |
गोभी | मोल | तोला |
भोर | बोझ | बोर |
ओझा | सोखा | ओला |
ओफ | कोठी | ओंठ |
ओह | ओद | ओट |
ओछा | ओज | ओके |
चोख | कोड़ा | कोना |
फोड़ा | कोप | खोखो |
कोण | भोग | भोज |
कोप | कोश | भोपा |
भोका | भोला | शोभा |
मोर | चोर | शोर |
लोग | तोर | मोह |
मोटा | मोटी | खोटा |
होता | मोजा | मोम |
मोच | मोंछा | नोछा |
नोट | सोंठ | कोष्ट |
कोही | कोरा | कोढ़ी |
बोटी | मोती | मोदी |
योगी | योग | योगा |
रोगी | रोज | रोटी |
रोड़ा | रोल | रोना |
लोच | लोक | लोभ |
पोप | लोट | लोन |
लोथा | पोथा | सोई |
सोआ | पोता | पोती |
डोरा | थोड़ा | ठोंठी |
डोल | डोम | डोली |
टोटी | टोपा | टोपी |
गोपी | टोका | जोर |
जोड़ | जोख | जोत |
चोंच | चोख | रोर |
खोज | गोद | तोप |
धोधा | घोघा | मोगा |
चोप | चोट | चोटी |
चोभा | चोवा | चोगा |
घोड़ा | घोल | होल |
घोर | गोफा | गोला |
गोलू | मोलू | छोटू |
गोरू | खोज | खोल |
खोआ | पोआ | लोहा |
गोदी | खोदा | तोता |
धोबी | लोधी | बोधी |
ओ की मात्रा तीन अक्षर वाले शब्द
ओझल | सोलाना | मोहन |
सोहन | लोमड़ी | बोतल |
ओखली | ओढ़नी | घोसला |
खोलना | पोटना | रोकना |
रोपना | सोधना | गोदना |
भोगना | फोकला | छोलना |
टोकना | बोलना | ढोकला |
तोतला | लोहार | कोहार |
छोहाड़ा | कोहड़ा | खोदना |
सोचना | पोछना | सोपना |
सोनार | सोठौरा | सोखना |
सोहर | सोहागा | शोभित |
सोभना | शोषण | पोषण |
शोधक | शोणित | लोचना |
धोबी | लोटना | लोलक |
लोहड़ी | लोबान | लोहीया |
रोगाणु | रोगिया | रोदना |
रोकड़ | रोचित | योधन |
योजना | योग्यता | योगिनी |
मोरनी | मोहना | मोदना |
मोचन | मोजरा | भोजन |
भोगना | सोखना | भोंकार |
बोवाई | जोताई | खोदाई |
पोखरा | पोआना | पोतला |
पोछना | पोटली | नोचना |
चोथना | नोकिला | खोखला |
दोबारा | दोसाला | दोरंगा |
ढोलक | थोपना | थोथरा |
तोलना | तोहरा | तोटका |
डोकिया | डोलची | डोलना |
खोपड़ी | खोटाई | कोयला |
कोयल | कोमल | कोनिया |
चार अक्षर वाले ओ की मात्रा वाला शब्द O Ki Matra Wale Shabd
योगिराज | दोहराना | बोलवाना |
मोदीराज | सोखवाना | खोजवाना |
चोरानेवाला | कोमलता | सोचविचार |
योग्यता | फोटोवाला | फोटोग्राफी |
दोगुनीया | बोलचाल | सोहलाना |
सोहागिन | सोहबत | शोकाकुल |
ढोलकवाला | लोहबान | लोहकार |
लोहाइन | रोजगार | रोकटोक |
रोमांटिक | मोबाइल | सोमवार |
गोलमाल | भोलापन | सोहरत |
रोहतक | मोड़कर | रोशनाई |
सोमनाथ | योगदान | सोनपुर |
गोदावारी | भोजपूरी | रोवादार |
मोदनवाल | लोटपोट | रोमावली |
छोड़कर | मोतीलाल | मोतिहारी |
मोहनेवाले | रोवनक | योगशाला |
रोधक्षमता | जोतकर | खोदकर |
योजनाकार | योगफल | मोरपंख |
मोतीझिरा | मोतियाबिन्द | मोमबत्ती |
बोधनिय | प्रोत्साहन | प्रोद्योगिक |
पोखराज | पोताश्रय | धोखेबाज |
दोपहर | दोषारोपण | कोलाहल |
टोआटोई | कोशवृ्ध्दि | कोशागार |
ओ की मात्रा वाले वाक्य
- रोहन तुम बोतल लाओ।
- तोता का चोच लाल होता हैं।
- मोटर में शालू स्कूल जाती थी।
- सोहन तोड़- फोड़ मत मचा।
- देखो हमारे चाचा जी आ गये।
- आओ चले दोपहर हो गया।
- मोर बहुत रंगीला होता हैं।
- संतोष ठेला लगाता हैं।
- मोनू – गोलू का भाई हैं।
- मोदी जी भारत देश के प्रधानमंत्री हैं।
- धोबी का नाम मनोहर हैं।
- बोतल का पानी किरन पी गयी।
- घोड़ा जम्मू में बहुत दिखते हैं।
- रोशनी स्कूल में अच्छी लड़की थी।
- कोरोना एक महामारी बीमारी थी।
- फोटो खिचवाना चाहती हूँ।
- मोहन के साथ गोलगप्पा खायी।
- आलोक का ड्रेस बहुत गन्दा हैं।
- योगेश रोजाना योगा करता हैं।
- रोजगार का बहुत महामारी हैं।
- सोना सेहत के लिये हानिकारक हैं।
- गोलमाल मूवी कैसा लगा?
- मोलू की दादी बीमार चल रही हैं।
बच्चों की कहानी , ओ की मात्रा की कहानी
कोई भी उपलब्धि कठोर परिश्रम से ही मिलती है। परिश्रम और प्रयास के द्वारा मनुष्य अपने प्रारब्ध को भी बदल सकता हैं।
परिश्रम का फल मीठा होता हैं- यह महज कहावत नहीं बल्कि सच्चाई है। जीवन में मात्र परिश्रम ही सफलता की कुंजी हैं।
बच्चों आप लोग क्रिकेट का हीरो सचिन तेंदुलकर का नाम सुना ही होगा अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेलों और खिलाड़ियों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण श्रेष्ठ खिलाड़ियों को आजकल दर्शकों का भरपूर सम्मान प्राप्त हैं।
अप्रैल 2011, आधी रात को पटाखों की तेज आवाज और ड्रम के जोर – जोर से पीटे जाने से सबको ज्ञात हो गया कि श्री लंका को हराकर भारतीय टीम ने क्रिकेट का ‘वर्ल्ड कप’ जीत लिया है।
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह एक बहुत बड़ी घटना थी। दूरदर्शन पर देखा, भारतीय टीम के खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को कंधे पर बैठाकर मैदान में घुमा रहे थे। ‘‘भारतीय टीम जिंदाबाद’’ के नारों से आकाश गूँज रहा था। चारों ओर इस शानदार सफलता का जश्न मनाया जा रहा था ।इस बार की टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर अपना कमाल दिखाया था किन्तु सभी खिलाड़ी जीत का श्रेय सचिन को ही दे रहे थे। सबका प्रेरणा स्त्रोत तो वही था। ‘वर्ल्ड कप’ भी टीम की तरफ से सचिन ने की ग्रहण किया। वास्तव में वह था भी इस योग्य।
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वास्तव में सचिन क्रिकेट का हीरो और एक ऐसा आदर्श खिलाड़ी है जिसे सभी भरतीय पसंद करते हैं। 15 वर्ष की छोटी – सी आयु में सचिन क्रिकेट के क्षेत्र में उतरा। घुघराले बालों वाला नवयुवक सचिन क्रिकेट के मैदान में ऐसा जमा कि उसने मैदान के साथ – साथ लोगों के दिलों में भी अपना स्थान बना लिया। वह लगभग 16 वर्ष का था, जब उसने 1988 में स्कूल के क्रिकेट में विनोद कांबली के साथ साझेदारी में 644 रन बनाए थे। दर्शक उसके खेल का करिश्मा का अंदाजा देखते ही रह गए थे। इसके बाद उसने क्रिकेट के मैदान में अंतर्राष्ट्रीय मैचों में इतना बढिया प्रदर्शन किया कि ‘लाजवाब, लाजवाब’ की धूम मच गई।
1989 – 90 में कराची में पाकिस्तान के विरूद्ध अपना पहला टैस्ट मैच खेलकर अपने क्रिकेट केरियर का आरंभ किया था। प्रथम पारी में वह बहुत ही डरा हुआ था। उसे लगा कि शायद वह जिंदगी में अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल ही नही पायेगा, किंतु दूसरे टेस्ट में जब उसने 59 रन बना लिये चो उसके भीतर आत्मविश्वास जाग उठा। वह अपने दो दोस्तो के साथ तेज गेदों के सामने वह पहले टेस्ट में केवल 15 रन ही बना पाया था किंतु वह घबरा गया था लेकिन कुछ देर बाद अपने हिम्मत न मानी और साहस के साथ रन बनाया
O Ki Matra Wale Shabd की कहानी
तब से अब तक के कैरियर मे सचिन ने उन ऊँचाइयों को छू लिया है, जिसे छूना किसी अन्य क्रिकेट खिलाड़ी के लिए शायद संभव ही न हो। आक्रामक बल्लेबाजी का उसका अपना अनोखा अंदाज है।तेज गति से ुसका बल्ला ऐसे घूमता है कि दर्शक देखते रह जाते हैं। बॉल उड़ती चली जाती है। उसकी बल्लेबाजी एक करिश्मा है। यूँ तो गेंदबाजी में भी वह कभी – कभी करिश्मा दिखाता है पर बल्लेबाजी में सौ से भी अधिक शतक बनाने का करिश्मा उसने दर्शकों को दिखाया है।
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