Free 151+ Au Ki Matra Wale Shabd || औ की मात्रा वाले शब्द

आइए, दोस्तों आज मैं इस आर्टिकल में Au Ki Matra Wale Shabd औ की मात्रा (au ki matra )का शब्द का ज्ञान दूँगी। आज के सभी स्टुडेंट किताब से ज्यादा मोबाइल से पढ़ना चाहते हैं। किसी का भी जानकारी लेनी होती हैं तुरन्त गुगल के माध्यम से जान लेते हैं इस लिए मैं इस लेख के माध्यम से आप लोगों औ की  मात्रा वाले शब्द बताना चाहती हूँ।

Free Au Ki Matra Wale Shabd

छोटे विद्यार्थी हो या बड़े सारे लोग को मोबइल से पढ़ने का शौक लगता हैे। इस लिए मैं इस पोस्ट द्वारा ( au ki matra wale shabd )औ की मात्रा दो अक्षर, तीन अक्षर ,चार अक्षर में आर्टिकल लिखूँगी। ताकि आप लोगो को असानी से औ की मात्रा का शब्द  au ki matra ka shabd उपलब्ध हो जाए। स्कूल में छोटे स्टूडेन्ट को टीचर मात्रा विशेष जानकारी का ध्य़ान रखती हैं। लिखना – पढना सीखाती हैं। उसके साथ-साथ उनको अभ्यास भी कराती है। रिवीजन करने के लिए उनलोगों को होमवर्क देते हैं। जो कि बच्चों को अच्छी से जानकारी हो जाये।

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Au Ki Matra Wale शब्द

आ, इ, ऐ, की तरह औ की मात्रा का ज्ञान आवश्यक हैं। हिन्दी में वर्णों की मात्रा बहुत जरूरी है, बीना मात्रा के वर्णो का शब्द नहीं बतना इसलिए दोस्तों आज चलिए औ की मात्रा सीखते हैं।

  • औ की मात्रा का दो अक्षर वाले शब्द
  • औ की मात्रा का तीन अक्षर वाले शब्द
  • औ की मात्रा का चार अक्षर वाले शब्द
  • औ की मात्रा का वाक्य
  • औ की मात्रा का बच्चों के लिये कहानी

 

Au Ki Matra Wale Shabd

तो चलिए टेबल के माध्यम Au Ki Matra Wale Shabd से मैं दो अक्षर वाला शब्द उपलब्ध कराऊँगी।

और कौआ फौज
मौज मौका शौक
मौन भौक चौक
लौकी मौसी मौनी
जौ लौंग नौमी
नौका दौड़ा धौका
तौल तौली झौरा
झौवा चौड़ा चौका
चौकी गौं गौर
गौण गौना खौफ
कौन जौन कौड़ी
मौली रौध रौद्र
रोही रोहू लौना
लौ शौच शौर्य
सौ सौत सौदा
सौम्य सौर हौज
गौरी मौजी लौह
मौसा दौरी खौल

 

तीन अक्षर वाली औ की मात्रा Au Ki Matra Wale Shabd

शौकिन सौरव औरत
लौहर सौगंध लौटाना
लौकिक रौनक रौशन
मौखिक मौसम भौतिक
भौमिक भौचंका बौड़ना
बौछार बौरहा बौनिया
बौलिया पौसरा धौताल
दौड़ना दौकना छौलिया
छौकना चौपट चौपाल
चौपाई चौदह चौसठ
चौगुना चौतीस चौकना
चौकड़ी चौकोना गौरव
गौरता कौड़िया कौतुक
कौमुदी खौलना हौसला
सौतन सौगात सौजन्य
सौदर्य सौतेला सौतेली
सौपना सौरभ सौमन
नौकरी नौरंगी नौलासी
नौहर नौतम नौकर
नौसेना नौछार गौतम
मौलाना मौकम नौतम
यौगिक यौवन यौतुक

 

Char Akshar Wale Au Ki Matra ka Shabd चार अक्षर वाले औ की मात्रा

दौड़भाग दौड़धूप धौलियाना
नौसीखिया नौरतन नौकरानी
नौसंगत यौवराज्य बौद्धधर्म
बौखलाना पौराधिकार पौरूषेय
गौरववान गौनहरू गौमाता
तौलवाई दौड़वाना ज्यौतिषि
चौकीदार फौजदारी नौकायन
सौदागर लौटकर  दौड़कर
औषधियाँ खौलाकर कौड़िहार
लौकुश भौसागर बौनापन

 

औ की मात्रा वाले वाक्य Au ki Matra ka Vakya

  • चौकीदार अच्छा रखवाली करता हैं।
  • मौसम तो वर्षा का बन रहा हैं।
  • गौमाता का पूजा करना चाहिए।
  • दौड़भाग में आप ज्यादा परेशान हो।
  • गौरव अपने माँ के साथ सोया था।
  • गौतमबुध्द भगवान के रूप हैं।
  • दौड़कर जल्दी जा ।
  • लौ कुश दो भाई थे।
  • नौकरी मिलना इतना असान नहीं हैं।
  • नौकरानी अभी तक आयी नहीं।
  • शौक थोड़ कम किया कर।
  • हौसला रख एक दिन अपना भी टाइम आयेगा।
  • चौदह रूपय दिये थे आप को।
  • चौक पर जा दादा जी को ला।
  • मौसी आज गौरी पूजा करेगी।
  • सौतेली माँ अच्छी नही होती।
  • लौहर मौसेरा भाई हैं।
  • गौतम मौखिक गणित लगाता।
  • दौड़ना सेहते के लिये अच्छा हैं।
  • सौरव एक बल्लेबाज हैं।
  • भौतिक विज्ञान कठिन विषय होती हैं।
  • मौसी नानी के घर जायेगी
  • रौशन भी बहुत चलाक था।
  • कौमुदी बाजार से लौकी लायी।
  • कौआ और कोयल में अत्तर हैं।
  • कौआ बहुत कड़वा बोलता हैं।
  • सौम्या बहुत शौकिन हैं।
  • सौदागर भाई आज क्या बात हैं?

 

 Au ki Matra ka Poem औ की मात्रा के शब्द वाला कविता

नौका पार नहीं होती
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होतीं।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती हैं।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता हैं,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना, न अखरता है।

आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।।
डुबकियाँ सिन्धु में, गोताखोर लगाता है,
जा- जाकर खाली हाथ लौटकर आता है।

मिलते सहज ही न मोती, गहरे पानी में,
जागता रहता है हिम्मत इसी परशानी में।
सपना उसका अधूँरा हर बार नही रहता
कर्म करने वालो की हार नही होती।

लहरों के डर से नौका पार नही होती,
कोशिश करने वालो कि हा नहीं होती।
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो,
कितनी कमी रह गई , समझो, और सुधार करों।

जब तक मंजिल ना मिले, नींद ,अराम को से भागो तुम,
संघर्षो का मैदाँ छोड़ कहीं मत भागो तुम।
जब तक कुछ करोगें तब तक जय-जयकार नही होती।
कर्म करने वालो की हार नहीं होती।

औ की मात्रा का बच्चों का कहानी Au Ki Matra ki Story

घर के दरवाजे के सामने कौशल बहुत – से गुब्बारे लेकर खड़ा था। उनमें से एक गुब्बारा बहुत बड़ा था। मैंने कौशल से उसका मूल्य पूछा, किंतु कौशल ने वह गुब्बारा बेचने से इंकार कर दिया। कहा, ‘‘यह गुब्बारा केवल देखने के लिए है। मैं इसे बेचूँगा नहीं।

मैने आगे बढ़कर गुब्बारे को छूना चाहा पर पलक छपकते ही न जाने क्या हो गया? गुब्बारे की डोर  ने मुझे कसकर तारों कि भांति लपेट लिया और गुब्बारा तेजी से उड़ चला आकाश की ओर । चीखता, चिल्लाता, हाथ-पैर पटकता मैं भी उड़ चला उसकी डोर के साथ । नीचे सब बच्चे जोर-जोर से चिल्ला रहे थे, ‘‘ वीशू, वीशू नीचे आओ। उतरो गुब्बारो से।’’ पर मैं क्या करता ? लाचार था।

थोड़ी देर बाद गुब्बारा और भी तेजी से उड़ने  लगा। बादलों को पीछे छोड़ वह अंतरिक्ष की ओर बढ़ा । मैं स्वंय को उस डोर से छुड़ाने का जितना प्रयास करता , वह तार की भाँति कसकर मुझे और भी जकड़ लेती । मैं भी आड़ा-तिरछा , ऊपर – नीचे लम्बा – छोटा होते हुए पहुँच गया अंतरिक्ष में। राह में उड़ते -उड़ते मैंने कई बार किसी वृक्ष  की टहनी और ऊँची इमारत को पकड़ने की इच्छा की किन्तु गुब्बारे की गति अति तेज होने के कारण विफल रहा। बड़े ही आश्चर्य के बात थी कि वह गुब्बारा अभी तक कही नहीं रुका था, कहीं नहीं फसा और न किसी  वस्तु से टकराया । बस सीधा उड़ता जा रहा था।

Au Ki Matra story

अंतरिक्ष में पहुँचकर वह गुब्बारा बड़ी तेजी से उड़ता हुआ एक स्थान पर जाकर अटका और मैं ‘धम’ से नीचे गिर पड़ा। चारों ओर नजर घुमाकर देखा। बड़ी – बड़ी लाल चट्टाने थी। वह कोई बहुत बड़ा गोला था जिसमें ऊँचे – ऊँचे पहाड़ जैसी चीजें बनी हुई थीं। मुझे ठण्ड महसूस हुई। तभी दो मशीनी मानव मेरी ओर बढ़े।

उनके सिर पर लम्बे -लम्बे ऐन्टिना की तरह दो सींग थे। उनकी आँखे  लाल – लाल चमकती हुई अंगारो जैसी थी। वे कुछ बोले , पर मेरी समझ में कुछ नहीं आया । तब उन्होंने एक बटन दबाया। मैने देखा लिखा था – ‘यह मंगल ग्रह है। पृथ्वी से आधा आकार और दूरी 228 मिलियन किलोमीटर । यह ठंडा ग्रह है। इसका तापमान 120 डिग्री सेन्टीग्रेड है। डरो नहीं हम तुम्हे नुकसान नहीं पहुचाएंगे ।’ वहाँ पर थोड़ी ही देर में मेरा दम घुटने लगा । मैं बाहर की ओर चल पड़ा । बहुत अजीब – सा लग रहा था। घर की बहुत याद आ रही थी पर मैं वहाँ से निकल नहीं पा रहा था।

बाहर कुछ साफ नहीं दिखाई दिया किन्तु वहाँ का वातावरण बहुत भिन्न था। मैं जैसे उड़ा जा रहा था। तभी मुझे कुछ अद्भूत जानवर जैसे लगने वाले जीव दिखाई दिए। वे मेरी ओर आर रहे थे। मैं बहुत डर गया । सींग वाले मशीनी मानव पता नहीं कहाँ गायब हो गए थे। मैं मंगल ग्रह के बारे में कुछ नहीं जानता था। पता नहीं वहाँ कोई रहता भी था या नहीं।

वे जानवर जैसे जीव तेजी से मेरी ओर बढ़ रहे थे और मैं डर स काँप रहा था। मुझे बहुत ठण्ड भी लग रही थी।

तभी बादल के गरजने जैसी ते आवाज आई और कुछ बूँदे पानी की टपकीं। ‘‘वीशू, वीशू’’ की आवाजें पास आती जा रहीं थी । चारों ओर ‘‘वींशू , वीशू’’ गूँजने लगा और मैं चीख पड़ा। आँख खोलकर देखा, मैं अपने बिस्तर पर पड़ा चिल्ला रहा था। पास में ‘अंतरिक्ष यात्री’ पुस्तक खुली पड़ी थी। मैं शायद पढ़ते – पढ़ते सो गया था। मैं उठा तो बहुत प्रसन्न था। जो भी हो, मैने मंगल ग्रह की खूब सैर की , चाहे स्वप्न में ही सही।

 

 

दोस्तों आज का यह पोस्ट कैसा लगा कमेन्ट में जरुर बताइयेगा।

धन्यवाद

 

 

 

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