Free 170+ An ki matra wale shabd || अं की मात्रा वाले शब्द

बच्चों आज का मेरा पोस्ट हैं ( An ki matra ) अं की मात्रा, पर आधारित, अं की मात्रा स्वर के दसवाँ स्थान पर है। अं की मात्रा वाले शब्द ( An ki matra wale shabd)  जो खासकर बच्चों सीखाना आवश्यक होता हैं। इसलिये इस आर्टिकल के माध्यम से सभी विद्यार्थी को असानी से अं की मात्रा की जानकारी दूँगी जो बहुत महत्वपूर्ण हैं। छोटे बच्चों को जितना ही सरल भाषा में सिखायें उतना ही अच्छा होता हैं।

An ki matra wale shabd

मैंने टेबल के द्वारा ( An ki matra wale shabd )अंक की मात्रा वाला शब्द का प्रयोग किया है। टेबल समझने में काफी असानी होगी, मुझे आशा है कि आप लोग इस आर्टिकल से अच्छा समझ पायेंगे। स्वर वर्ण हमेंशा व्यजंन के ऊपर होता हैं। व्यजंन के सारे वर्ण का स्वर अलंकार माना जाता हैं। बिना स्वर के कोई वर्णमाला की शोभा नहीं बनती, बहुत नीरस होता है।

Free An ki matra wale shabd

इस आर्टिकल में हम अं की मात्रा वाले शब्द ( An ki matra ka shabd ) को टेबल में दो अक्षर, तीन अक्षर, चार अक्षर के शब्दों को छोटे से बड़े शब्दों सीखाने प्रयास करूँगी। छोटे विद्यार्थी को स्कूल से जो होमर्वक मिलता तो पेरशान हो जाते हैं। वह अपने पैरेंट बोलते हैं, वह तुरंत इंटरनेट पर सर्च करके बच्चों को दिखा देते हैं। इस लिए आप को मैं इस पोस्ट के द्वारा अं की मात्रा में मदद करती रहूंगी।

अं कि मात्रा वाले शब्द
an ki matra wale shabd

 

इस पोस्ट में निम्न हेडिंग An ki matra wale shabd से सम्बन्धित को शामिल करते हुए जानकारी दी गयी है।

  • अं की मात्रा वाले दो अक्षर का शब्द
  • अं की मात्रा वाले तीन अक्षर का शब्द
  • चार अक्षर वाले अं की मात्रा वाले शब्द
  • अं की मात्रा का 25 वाक्य
  • बच्चों को अच्छी कहानी भी हैं।

तो दोस्तो अब टेबल के द्वारा अं की मात्रा वाला दो अक्षर का शब्द लिख लिया जाये

अंक अंग अंश
भंग कंस शंख
पंत किंतु वंशी
घंटी दंड हंस
घंटा मंकी कंघी
अंधा मंच रंग
कंद अंग टंग
डंका पंखा गंगा
अंडा डंडा तंग
संग शंका  लंका
अंजू संजू मंजू
मूंग कंघी ठंढी
जंग बंदा अंधा
धंधा खंड फंक
फंड आंटी बिंदु
मांशी झंडी झंडा
पूंछ मूँछ बंटी
पुंज मांस खंती
टंकी गेंदा गंदा
बेंच चांद गूंगा
गंगू दूंगा मंदी
मंडी  बंडी बंदी
पंक्षी पंख वंश
पंगु चंगु मंगु
पंथी चिंपू सिपू
पिंकू पिंटू पंडा
बंधु शंभू नंदा
निंदा इंच हिंसा
शंकु संघ संत
संधि सिंधु संज्ञा
संध्या संझा मंझा
गंजा कंधा पंजा
दंगा पंगा अंत
पंत जंतु जंत्री

 

दोस्तों अगर  आप दो अक्षरों वाले अं की मात्रा An ki matra wale shabd की जानकारी कर चुके हैं तो अब बारी है- तीन अक्षर वाले अं की मात्रा वाले शब्दों की। नीचे मैने कुछ अं की मात्रा वाले तीन अक्षर वाले शब्द की जानकारी दिया है।

An ki Matra Wale Teen Akshar Wale Shabd

चंचल कंचन पंचर
जयंत जयंती पंकज
संचल संजय संदेशा
रंगीला संतरा शंकर
संख्या आंकिक अंगूर
लंगूर संतूर पंगुल
लंगड़ा कंकड़ खंखड़
जंजर गंभीर अंजीर
गंधक गंदगी गंतव्य
पंडित खंडित खंजर
खंडन मुंडन कंगन
कंगाल कंकाल कंचुकी
जंजीर जगंल  मंगल
बसंत अंतह पंचम
अंतिम अंकित अंकिता
उमंग सुरंग सुगंधा
सुगंध हंगामा संगम
टंगल दंगल संग्राम
चांदनी चंदन मदंन
नंदन बंदना संजना
अंजना रंजन आचंल
अंकुश अंशिका वंशज
संसद पंखुड़ी पंचाग
बुलंद वंचित संक्षेप
संघीय मंजरी संघर्ष
संकोच संतोष मंजेश
संतोषी संदेस लंकेश
लंबाई हंसनी लंगोटी

 

Char Akshar wale An ki matra ke shabd

अं की मात्रा चार अक्षर वाले शब्द

वंशीधर गंगाधर नंगाघर
मंगेतर संजीवनी वंशराज
हंसराज चुंगीवाला संतराज
वंशीबाबू चंचलता चंगाराम
रामानंद चंगीलाल रंजनाथ
रंगीलाबाबू पंगालाल रंगबाज
मुंशीधर मुंशीबाबू अंगीरथ
संसदनामा पंगावाले नंगाबापू
लंगड़नाथ लंम्बोधर लंकेशनाथ
मंजनवाला संख्यायें संख्यावाची
सांख्यिकी उल्लंघन मांगलिक
मंगलम अंतर्दीप अंशदाता
अंशदान अंशुमान अंशदायी
वंशागत अंतमूर्खता पंडिताइन
पंचायत पंचनामा पंजीकरण
कंकालतंत्र संसारिक सांक्ष्याकिंत
सांकेतिक संभावना संचालक
संचारित संरचना संगीतकार
मुछंदर छछूंदर मंदबुध्दि
मंदाकनी मंत्रिमण्डल मंत्रालय
मंडराना पंचामृत पंचरगा
पंखण्डी डंडवत नंन्दलाल

 

An ki matra wale sentence (vakya)

अंक की मात्रा वाले वाक्य

  • लंगूर अंगूर खाता हैं।
  • कंचन बाजार से अंजीर लायी।
  • रंजना एक पत्रकार थी।
  • पंखुड़ी स्कूल से जल्दी आ गई।
  • पंडित कथा सुना रहा था।
  • मंडराना अच्छी आदत नही हैं।
  • अंशुमान मेरा दोस्त हैं।
  • संजना एक अच्छी लड़की है।
  • पंचायत भवन कितना सुन्दर बना हैं।
  • पंचामृत पीना चाहिए।
  • अंजू बाजार से किताब खरीदी।
  • अंशू मेंरी छोटी बहन हैं।
  • अंकिता  की  सहेली अंशिका हैं।
  • गंगा एक पवित्र जल हैं।
  • संतोषी एक देवी हैं।
  • संतरा नारंगी होता हैं।
  • शंतू को अराम करना चाहिए।
  • मंजरी कितना का करती थी।
  • पिंकी, चिंकी खेल रही।
  • मंटू कार चालक था।
  • पांखडी पर भरोसा नही करना चाहिए।
  • पंकज ट्रेन चालक हैंं।
  • झारखंड भारत में स्थित हैं।
  • हंसराज उसका संदेशा लाए।

An ki matra wale story

 अं की मात्रा की कहानी छोटे बच्चों के लिए

चंदन मंजन कर रहा था।
डंडे से झंडा टँगा था।
झंडे से एक पतंग टकराई।
पतंग चंदा की थी । पतंग फट गई।
चंदा रोने लगी। उसकी आँख में आँसू आ गए।
एक औरत ने अपना घूँघट उठाया।
चंदा उसे पहचान गई।
वह चंदा की माँ की सहेली थी।
चंदा ने उसे नमः कहा।

अं मात्रा वाला कहानी An ki matra wale shabd से सम्बन्धित kahani

अंशुमान शाम के समय अपने आफीस से निकल रहा था । उसको अचानक याद आया आज पहली तारीख हैं। वेतनवाले रजिस्टर पर हस्ताक्षर करते हुए उसकी निगाह 109 के अंको पर ठहर गई। वह सोच में पड़ गया। उसे विश्वास हो गया कि कैशियर ने भूल की हैं।

आश्चर्य  तो उसे तब हुआ, जब रूपए सचमुच एक सौ नौ निकले। दस रूपये वाले नोट थे दस और साथ में एक पाँच का और चार एक – एक रूपये के नोट थे। क्षण भर के लिए वह ठिठक गया और जाने क्या सोचता रहा, फिर बोला, ‘‘ मेरा तो केवल सौ रूपए है, ये अतिरिक्त नौ  रूपए काहे के?

कैशियर दूसरे कर्मचारी देने के लिए नोट गिन रहा था। माथा बगैर उठाए ही उसके मुँह से निकला, ‘‘पिछले महीने तुमने हर दिन घंटा – घंटा भर ज्यादा काम किया, यह रकम उसी की है। मालिक स्वयं तुम्हें प्रतिदिन काम करते देखते थे न।’’

अब जाकर कैशियर ने अंशुमान की ओर देखा और कहा, ले लो, ले लो। तुम्हारे परिश्रम के पैसे हैं। अंशुमान एक सौ नौ रूपए अंदरवाली जेब के हवाले करता हुआ बाहर आया। घर में पत्नी थी दो बच्चे थे। पिछले बारह वर्षो से अंशुमान इस ऑफीस में काम कर रहा था। वेतन की पूरी रकम पत्नी के हाथों में दे देता। कभी धेला – पैसा भी उसमें बचाकर नही रखता था। अंशुमान को  किसी चीज काअम्ल नहीं था। चाय वह पीता नहीं था। नाश्ता भी नही करता था।

पैदल ऑफीस आता-जाता था। पिछले कई वर्षो से उसने सिनेमा भी नही देखा था। अब जो अंशुमान के हाथ मेें नौ रूपए अधिक आए तो उसका मन एक तरह की परेशानी में उलझ गया। चलते – चलते वह सोचने लगा सौ रूपए तो मैं शंभू की अम्मा के हवाले कर दूँगा। मगर इन बाकी रूपए का क्या होगा ? उसे ख्याल आया कि शंभू की अम्मा के पास ढंग की कोई साड़ी नही हैं। बेचारी वही साड़ी घर में पहनती है, वही बाहर पहतनी है। नौ रूपए में अच्छी साड़ी आ जाएगी।

वह कितनी खुश होगी तभी उसकी आखों में बच्चों की सूरते चमक उठीं। पिछले छः महीनों से वे फिल्म देखने को मचल रहे थे। छोटा छोकरा खिलौने की दुकान से रेल का इंजन मँगवाना चाहता था। लेकिन अंशुमान बच्चों की मामूली – सी इच्छाएँ भी पूरी नही कर पाया था। छोटा लड़का पड़ोसियों के घर आता-जाता और तरह – तरह की चीजें देख आता, फिर अपने यहाँ आकर उन चीजों के लिए मचलता। लेकिन इसमें बच्चों का क्या कुसूर?

अंशुमान ने सोचा कि सेठ को देखकर क्या उसके अपने मन में कोई लालसा नहीं पनपती?  वह भी तो चाहता है कि शंभू की अम्मा अच्छा पहने – सी फिल्म भी देखी जाएगी। रातभर सभी मिलकर मौज मनाएँगे। इस तरह नौ रूपयो का भरपूर सदुपयोग होगा। हर महीने तो भाग्य कुलाँचे मारेगा नही।

अंशुमान ने जेब में हाथ डाला। रकम की थाह ली तो चेहरे की चमक दोगुनी हो गई। खुशी दबाए नहीं दबती थी। पैर उछलते हुए – से चल रहे थे। अचानक अंशुमान की आँखे फैल गई। नया विचार उसके दिमाग को झनझना गया। पिछले दस साल से मैंने एक भी फिल्म नही देखी, क्यो भला ? बच्चों और उनकी माँ ने तो अभी पिछले ही साल पड़ोसी परिवार के साथ जाकर सिनेमा देखा है। एक मै हूँ कि जिसकी जिंदगी में कोई बदलाव ही नही, न आनंद न उल्लास।

शंभू के माँ के पास अच्छी साड़ी नहीं, तो क्या मेरे पास अच्छा कोट हैं ? यही फटा कोट पिछले पाँच साल से झूल रहा है। कैसा बदरंग लगता है। क्या परिवार की जिम्मेदारियों के सिवाय अपने प्रति मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं ? इस तरह मैं कब तक घिसटता चलूँगा ? क्या ये नौ रूपए मैं अपने इस्तेमाल में नहीं ला सकता ?

वेतन की कुल रकम तो आखिर शंभू की माँ के हवाले कर ही दूँगा, फिर झिझक काहे के क्यो न ये रूपये अपने पर खर्च करूँ । छोटे बच्चे को इंजन चाहिए, लेकिन वह तो चार महीने पहले की बात है। अब तो भूल – भाल गया होगा। अंशुमान ने नौ रूपये की वह रकम व्यक्तिगत उपयोग में लाने का निश्चय कर लिया।

एक बड़े – से होटल में अंशुमान दाखिल हुआ। वह होटल के रस्मोरिवाज नहीं जानता था। खोया- खोया सा एक कुर्सी पर जा बैठा। होटल का वेटर खाने की चीजों की एक लिस्ट दे गया। समझ में उसकी कुछ भी न आया किंतु अंशुमान नें लिस्ट में छपी किसी चीज के नाम के सामने अपनी उँगली रखी और मोटी गुदगुदी कुर्सी पर अपनी देह ढीली छोड़ दी।

वेटर के जाते ही अंशुमान को फिर अपने बच्चे याद आए। बिजली की गति से वह उठा और होटल से बाहर आ गया । अंशुमान ने बाहर निकल आया  वहाँ  से आगे बढ़ा। कभी कपड़ों की दुकान के सामने खड़ा हो जाता है।

दोस्तों आज का यह पोस्ट कैसा लगा कमेन्ट में जरुर बताईयेगा।

धन्यवाद।

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