Verb kise kahate hai || hindi kriya Adverb kriya visheshan

हेलों – दोस्तों आज हिन्दी व्याकरण में क्रिया, क्रिया विशेषण ( Verb kise kahate hai hindi kriya Adverb kriya visheshan) के बारे जानकारी देंगे। जो हिन्दी ग्रामर में पूछा जाता है, बच्चों यह समझना काफी असान हैं। उनके दैनिक जीवन में कार्य – क्रम को ही क्रिया कहा जाता है।क्रिया, क्रिया विशेषण कक्षा – 1 से 12 तक के विद्यार्थी को पढ़ाया जाता है।

जो क्लास के लेवल के अनुसार बढ़ता है। लेकिन मैं छोटे बच्चों को हिन्दी व्याकरण में क्रिया, क्रिया विशेषण ( Verb kise kahate hai hindi kriya Adverb kriya visheshan ) को सिखाऊँगी जो काफी असान भाषा में रहेगा। आप के बच्चे असानी समझ भी जाएंगे। और यही बड़ें बच्चों को उनके उम्र के अनुसार कठिन शब्द वाक्य दिये जाते है।

तो दोस्तों अब हम लोग क्रिया के बारे पढ़ेंगे। जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते है, उन्हें क्रिया विशेषण कहते हैं। जो शब्द कार्य के करने या होने का बोध कराएँ, उन्हें क्रिया ( action words ) कहते हैं।

Verb kise kahate hai pdf

क्रिया – Verb

जैसे – रोहित कुर्सी पर से उठा । उसेन अलमारी  से हिंदी व्याकरण की पुस्तक निकाली और कुर्सी पर बैठकर पढ्ने लगा। वह हिंदी व्याकरण की पुस्तक में ‘क्रिया’ पढ़ रहा है, जबकि क्रिया तो उसे ऐसे ही समझ में आ जानी चाहिए कि उसका उठना, अलमारी में से पुस्तक निकालना व बैठकर पढ़ना। ये सब गतिविधियाँ कार्य ही तो क्रिया हैं।

मानव के द्वारा किेए गए कार्य ही क्रिया कहलाते है। व्याकरण के अनुसार संज्ञा या सर्वनाम के द्वारा जो कार्य किए जाते हैं व जिनका फल उन्हें प्राप्त होता है, उसे क्रिया कहा जाता है। अंग्रेजी में इन्हें ( action words ) कहते हैं।

कर्ता क्या कार्य करता है ?

क्यों कार्य करता हैं ?

कैसे कार्य करता है ?

किससे कार्य करता है ?

उसका फल क्या होता है ?

उसको फल क्यों मिलता हैं ?

इन सब प्रश्नों का उत्तर ही क्रिया हैं। क्रिया की पहचान हैं।

जैसे 

उठना, बैठना, खाना, पीना, पढ़ना, लिखना, कूदना, रोना, हँसना, चलना, फिरना, घूमना, सोना, जागना, आना, जाना, खोना, पाना आदि। 

क्रिया का निर्माण ( Construction of Verb )

क्रिया एक समान्य प्रक्रिया है। अपने मूल रूप में क्रिया धातु कहलाती है। धातु के साथ ‘ना’ प्रत्यय लगाने से क्रिया का निर्माण हो जाता है।

जैसे – उठ क्रिया का मूल रूप ( धातु )

ना  प्रत्यय और उठना क्रिया

Verb kise kahate hai
Verb kise kahate hai

Verb kise kahate hai ki jankari

क्रिया के निर्माण का नियम 

धातु      +        प्रत्यय      =   क्रिया
( Root )    +    ( Suffix )  =  ( Verb )

पढ़      +        ना       =         पढ़ना

लिख     +      ना          =      लिखना

सुन        +     ना        =       सुनना

बोल       +     ना        =       बोलना

दौड़       +      ना       =       दौड़ना

हँस        +      ना      =        हँसना

भाग        +       ना     =       भागना

बैठ         +       ना     =     बैठना

रो            +       ना     =    रोना

इसी तरह से अनेक क्रियाओं का निर्माण किया जा सकता है।

Types of Verb

1- सकर्मक क्रिया  ( Transitive Verb )  2- अकर्मक क्रिया ( Intransitive Verb ) 

समान्य रूप से व्यक्ति जो कार्य करता है, उसे कर्म कहते हैं और व्यक्ति को कर्ता कहते है।

कर्ता का कर्म ही, अकर्मक और सकर्मक होता है। इसी से क्रिया सकर्मक और अकर्मक होती है।

1- सकर्मक क्रिया  ( Transitive Verb )

स + कर्म  =  कर्म सहित क्रिया ही सकर्मक क्रिया होती है। इसी क्रिया में कर्म प्रमुख होता है। क्रिया का झुकाव कर्म पर ही होता है।

जैसे

मोहन पत्र लिखता है। इस वाक्य में लिखता हैं क्रिया है और इसका प्रभाव पत्र पर पड़ रहा है। अतः यह सकर्मक क्रिया हैं।

उदाहरण 

  • वासुदेव दूकान खोलता है।
  • निकुल पान खाता है।
  • व्यर्थ की बातें नहीं करनी चाहिए।
  • पुस्तक फाड़ना मूर्खता है।

2- अकर्मक क्रिया ( Intransitive Verb )

अ  +   कर्म  =  कर्म रहित क्रिया ही अकर्मक क्रिया होती है। इसी क्रिया में कर्ता प्रमुख होता है। क्रिया का झुकाव कर्ता पर ही होता है।

जैसे – कान्हा रो रहा है।

इस वाक्य में रो रहा हैं। क्रिया है और इसका प्रभाव कान्हा पर पड़ रहा है। अतः यह अकर्मक क्रिया है।

उदाहरण – समय पर उठना चाहिए।   मोहन सोता है।   प्रिया नाचती हैं। राधा हँसती है।

इसे भी देखलों जो महत्वपूर्ण टॉपिक है.

  1. कार्य का होना
  2. क्रिया में कर्म और कर्ता की प्रधानता होती है।
  3. कर्म की प्रधानता से क्रिया सकर्मक तथा कर्ता की प्रधानता से अकर्मक क्रिया होती है।
  4. क्रिया का मूल रूप धातु कहलाता है।
  5. धातु से ही क्रिया का निर्माण होता है।

प्रश्न -1. सही कथन पर सही तथा गलत पर का निशान लगाइए।

( क ) कर्म के आधार पर क्रिया के पाँच भेद होते है।   (   )

( ख ) क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं।  (     )

( ग ) जिन क्रियाओं का फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पड़ता है, उन्हें सकर्मक क्रिया कहते हैं।   (       )

( घ ) जिन शब्दों से किसी कार्य होने या करने का बोध हो, उन्हें क्रिया कहते है।   (       )

प्रश्न – 2. नीचे लिखे वाक्यों में से क्रिया शब्द अलग करके लिखिए। 

( क ) आशीष का पैन टूट गया ।   ……

( ख ) आरा ने कार्य कर लिया। ……..

( ग ) अनुपमा पुस्तक लाई है। ……..

( घ ) पेड़ पर तोता बैठा है। ………

प्रश्न- 3. सही शब्दों से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
             ( कर्म, धातु, क्रिया ) 

( क ) क्रिया के मूल रूप को ………. कहते हैं।

( ख ) ……. के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं।

( ग ) जिन शब्दों के द्वारा किसी कार्य के होने या करने का बोध होता है, उन्हें ………… कहते है।

 

 

क्रिया विशेषण ( Adverb ) kriya visheshan

राघव सोकर देर से उठा। जल्दी से स्नानगृह में जाकर तुरंत अपना मुँह धोया। धीरे – धीरे ब्रश किया। फटाफट नहाया। जल्दी – जल्दी कपड़े पहने और शीघ्र स्कूल के लिए घर से निकल गया ।

बच्चों ! उपर्युक्त चित्र में आपने राघव के कार्यों को देखा । वे कैसे हो रहें है ?

जैसे – 

देर से, जल्दी से, तुरंत, धीरे- धीरे, फटाफट, जल्दी – जल्दी व शीघ्र । ये सब राघव के कार्यों की विशेषताएँ हैं। इन्हे क्रिया विशेषण कहते है, क्योंकि ये शब्द कार्य की विशेषता बताते हैं।

कार्य कैसे हो रहा हैं ? कार्य किस दशा में हो रहा है ? क्यों हो रहा है ? उसका फल किस तरह से मिल रहा है ?

इन सब प्रश्नों का उत्तर ही क्रिया विशेषण हैं।

गाड़ी तेज चलती हैं।  तनय धीरे – धीरे चलता है।   राधा ध्यानपूर्वक पढ़ती है। इशान के मामा जी अचानक आ गए।

इन वाक्यों में रेखांकित शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करने के कारण क्रिया विशेषण शब्द हैं। क्रिया विशेषण क्रिया की विशेषता बताते हैं। इन्हें पहचानने के लिए हमें क्रिया के साथ कब, कैसे, कहाँ, कितना जैसे शब्द लगाकर प्रश्न करने चाहिए। जो उत्तर हमें मिलेगा वही क्रिया विशेषण होगा।

जैसे –

मनीष कहाँ बैठा हैं ?          मनीष उधर बैठा है।

कुछ प्रचलित क्रिया विशेषण इस प्रकार हैे।

ऊपर बार – बार धड़ा – धड़ बहुत – कम
कुछ  जहाँ निकट जरा – सा
लगभग  उतना  प्रतिदिन इधर – उधर 
जब थोड़ा – थोड़ा यथाशक्ति यहाँ
के पीछे प्रायः सदा वहाँ
अवश्य अभी निरंतर तेज
तुरंत के सामने जल्दी – जल्दी अचानक
प्रातः  इतना धीरे – धीरे एकाएक
जब बराबर कभी – कभी धीमा
आज  केवल  अधिक सायं
कल अभी जितना परसों
ठीक  उधर  थोड़ा मोड़ा

 

इसे भी आप लोग पढ़े ।

  • क्रिया विशेषण क्रिया की स्थिति बताते हैं।
  • क्रिया का परिमाण, समय, स्थान और स्थिति क्रिया विशेषण से ही प्रकट होती है।
  • क्रिया विशेषण क्रिया को गति देने का काम करता है।
  • क्रिया का ढंग या तरीका ही तो क्रिया विशेषण होता है। इसे कब, कैसे, कहाँ, कितना आदि प्रश्नों से जाना जा सकता है।

तो बच्चों आप लोग ने क्या सीखा ? अब प्रश्न – उत्तर से पढ़ेगें।

प्रश्न 1. दिए गए क्रिया विशेषण शब्दों से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

( प्रतिदिन, अचानक, बार – बार, दूर, सर्वत्र, कम, लगातार )

( क ) किसका फोन ………आ रहा है ।

( ख ) मेरा घर ……….. है ।

( ग ) वह ……… गिर पड़ा ।

( घ ) ईश्वर ……… है ।

( ड़ ) हमें ……….. पढ़ना चाहिए।

प्रश्न -2. सही कथन पर ( सही ) तथा गलत पर ( गलत ) का कथन कहाँ है ?

( क ) क्रिया विशेषण क्रिया की स्थिति को नहीं बताते हैे।

( ख ) क्रिया की विशेषता ही क्रिया विशेषण से ही स्पष्ट होती है।

( ग ) क्रिया का समय,  स्थान और स्थिति क्रिया विशेषण से ही स्पष्ट होती है।

( घ ) क्रिया विशेषण से क्रिया को गति मिलती है।

 

तो दोस्तों मैं आप लोगों के लिए क्रिया, क्रिया विशेषण का महत्वपूर्ण हिन्दी ग्रामर का लेशन लिखे है। जो काफी असान है। आप अपने बच्चे को बिलकुल सरल भाषा में सीखा सकते है। मुझे आशा हैं कि मेरा पोस्ट अच्छा लगा होगा । इसमें कोई भी गलती हो तो कमेंट बाक्स में अपनी बात को लिखे।

 

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