दोस्तों आज का मेरा पोस्ट है भौतिक विज्ञान के gravity and related concepts ( गुरूत्वाकर्षण व संबंधित अवधारणाएँ ) जो आप लोग के लिए यह टॉपिक जरूरी है। दोस्तों आप मन लगा पढ़िए मैं आगे भी विज्ञान के सभी प्रश्न उत्तर का पोस्ट बनाती रहूँगी।
Table of Contents
गुरूत्वाकर्षण व संबंधित अवधारणाएँ
- किस बल के कारण ऊपर फेंका गया पत्थर धरती पर वापस आता है
गुरूत्वाकर्षण बल - किस बल के कारण उपग्रह, ग्रहों के और ग्रह, सूर्य के चक्कर लगाते हैं
गुरूत्वाकर्षण बल - किस बल के कारण आकाशगंगा के 150 अरब से भी ज्यादा तारे एक व्यवस्था में बंधे रहते है
गुरूत्वाकर्षण बल
- एक गणितीय नियम के जरिए किसने बताया कि विशाल पिंडों के गुरूत्वाकर्षण का प्रभाव अनंत दूरियों तक रहता है
न्यूटन ( 1642 – 1727 ) - न्यूटन से कई शताब्दी पहले किस देश में गुरूत्वार्षण सिद्धांत की उत्पति हो चुकी थी
भारत - किस भारतीय विद्धान ने अपने ग्रंथ ‘सिद्धांत शिरोमणिी’ में लिखा था कि पृथ्वी अपने गुरूत्वाकर्षण के कारण सब चीजों को अपनी ओर खींचती है
भास्कराचार्य ( 1114 ई. ) - कौन सा बल सभी तारों, ग्रहों आदि विशाल पिंडों को आपस में बांधे रखता है
गुरूत्वाकर्षण बल - ब्रम्हांड का सबसे कमजोर बल कौन सा है
गुरूत्वाकर्षण बल - ब्रम्हांड का सबसे शक्तिशाली बल कौन सा है
दृढ़ बल ( प्रबल बल )
प्रकृति में उपस्थित बल
- गुरूत्वाकर्षण बल किस प्रकार का बल है
आकर्षण बल - कौन सा केंन्द्रीय बल व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन करता है
गुरूत्वाकर्षण बल - दो द्रव्यमानों के बीच लगने वाला कौन सा बल तीसरे द्रव्यमान की उपस्थति से स्वतंत्र होता है
गुरूत्वाकर्षण बल - कौन सा बल द्रव्यमानों के बीच उपस्थित वस्तुओं तथा माध्यम की प्रकृति पर निर्भर नही करता
गुरूत्वाकर्षण बल - किसी पदार्थिक वस्तु के चारों ओर के उस स्थान को क्या कहते है जिसमें उस स्थान के कारण अन्य वस्तुओं पर गुरूत्वाकर्षण बल का अनुभव होता है
उस वस्तु का गुरूत्वीय क्षेत्र व गुरूत्वीय त्वरण - अकांक द्रव्यमान के पिंड पर लगने वाला गुरूत्वाकर्षण बल क्या कहलाता है
गुरूत्वीय त्वरण - एकांक दूरी पर स्थित एकांक द्रव्यमान के दो समान पिंडों के बीच लगने वाला गुरूत्वाकर्षण बल क्या कहलाता है
गुरूत्वीय नियंताक - g का मान किस स्थान पर न्यूनतम होता है
ध्रुवों पर - कहाँ पर g के मान में अधिकतम् परिवर्तन होता है
भूमध्य रेखा पर
विद्युत – चुंबकीय बल
- दो चुंबकीय ध्रुवों के बीच लगने वाला बल क्या होता है
चुंबकीय बल - विद्युत – चुंबकीय बल के प्रभाव क्षेत्र के लिए गणितीय आधार किसने प्रस्तुत किया
मैक्सवेल ( 1831 – 1879 ) - कौन सा बल अणु – परमाणुओं को एक – दूसरे से बांधता है
विद्युत-चुंबकीय बल - कौन सा बल आवेशी कणों के बीच फोटोन की सहायता से काम करता है
विद्युत – चुंबकीय बल - कौन सा बल गुरूत्वाकर्षण से करीब 10 गुना ज्यादा शक्तिशाली है
विद्युत – चुंबकीय बल - किस बलको परस्पर क्रिया कहना ज्यादा उपयुक्त होगा
विद्युत -चुंबकीय बल
प्रबल बल या दृढ़ बल
- किस आवेश वाले कण एक – दूसरे को दूर ढ़केलते है
समान आवेश - किस आवेश वाले कण एक – दूसरे को आकर्षित करते है
विपरीत आवेश - परमाणु के नाभि में उपस्थित किन कणों पर धनावेश होता है लेकिन वे एक – दूसरे को दूर नही ढकेलते
प्रोटॉन - परमाणु के नाभिक में उपस्थित सभी प्रोटॉन धनावेशित होने के बावदूद किस बल के कारण एक – दूसरे के सात दृढता से बंधे रहते है
प्रबल बल - कौन सा बल किस बल से 10 गुना ज्यादा शक्तिशाली है
विद्युत – चुंबकीय बल
क्षीण बल
- जब परमाणु नाभिक में प्रोटॉन और न्यूटॉन के अलावा अन्य अतिमूक्ष्म कणों की खोज हुई तो वैज्ञानिकों ने नाभिक में कौन से बल भी खोज की
क्षीण बल - परमाणु नाभिक में कौन से कण नाभिक के भीतर एकाएक जन्म लेते है, क्षणभर के लिए नाभिक के भीतर ही यात्रा करते हैं और फिर दूसरे कणों में रूपांतरित हो जाते हैं
प्रोटॉन व न्यूट्रॉन से अलग अन्य अतिसूक्ष्म कण - परमाणु नाभिक में प्रोटॉन व न्यूट्रॉन से अलग अन्य अतिसूक्ष्म कणों की उत्पत्ति किस विशष्ट बल के कारण होता है
क्षीण - क्षीण बल किस बल से करीब 10 गुना कमजोर होता है
विद्युत – चुंबकीय बल
कैप्लर के नियम ( Kepler Laws of Planetary Motion )
- जर्मनी के किस खगोल विज्ञानी ने सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति से संबंधित तीन नियम दिए
जोहान्स कैप्लर - जोहान्स कैप्लर ने किस डेनिश खगोल विज्ञानी के प्रयोगों, प्रेक्षणों का अध्ययन कर ग्रहों की गति से संबंधित अपने तीन नियम दिए
टाइको ब्राहे - किन नियमों के आधार पर यह बताया जा सकता है किस सौन मण्डल में ग्रहों की गति किस प्रकार की होती है और किस प्रकार से होती है
कैप्लर के ग्रहों की गति के नियम - कैप्लर ने किस वर्ष ग्रहों की गति के प्रथम दो नियम दिए
1609 - कैप्लर ने किस वर्ष ग्रहों की गति का तीसरा नियम दिया
1618 - कैप्लर के किस नियम के अनुसार, प्रत्येक ग्रह सूर्य के चारों ओर एक दीर्घवृताकार कक्षा में घूमता है और सूर्य उस दीर्घवृत्त के एक फोकस पर होता है
ग्रहों की गति का प्रथम नियम - ग्रहों की गति का कौन सा नियम कक्षाओं का नियम कहलाता है
ग्रहों की गति का प्रथम नियम - सूर्य के चारों ओर घूमते हुए ग्रह जिस बिंदु पर सूर्य के सबसे नजदीक होता है, वह क्या कहलाता है
उपसौर - सूर्य के चारों ओर घूमते हुए ग्रह जिस बिंदु पर सूर्य से सबसे दूर होता है वह क्या कहलाता है
अपसौर - कैप्लर के किस नियम के अनुसार, किसी ग्रह के कक्षीय तल में ग्रह तथा सूर्य को मिलाने वाली रेखा समान समयांतराल में समान क्षेत्रफल तय करती है, अतः ग्रह का क्षेत्रीय वेग नियत रहता है
ग्रहों की गति का दूसरा नियम - ग्रहों की गति का कौन सा नियम क्षेत्रीय चाल का नियम कहलाता है
ग्रहों की गति का दूसरा नियम - सूर्य के चारों ओर घूमते हुए ग्रह की चाल निरंतर बदलती रहती है यानि ग्रह का रेखीय वेग भिन्न स्थानों पर भिन्न होता है, किस बिंदु पर उसकी चाल न्यूनतम होती है
अपसौर बिंदु पर - सूर्य के चारों ओर घूमते हुए ग्रह की चाल निरंतर बदलती रहती है यानि ग्रह का रेखीय वेग भिन्न स्थानों पर भिन्न होती है, किस बिंदु पर उसकी चाल अधिकतम् होती है
उपसौर बिंदु पर - कैप्लर के किस नियम के अनुसार, सूर्य के चारों ओर किसी ग्रह द्वारा एक चक्कर पूरा करने में लगे समय यानि उसके परिक्रमण काल का वर्ग, ग्रह और सूर्य के बीच की दूरी की तृतीय घात के समानुपाती होती है
ग्रहों की गति का तीसरा नियम - ग्रहों की गति का कौन सा नियम परिक्रमण काल का नियम कहलाता है
ग्रहों की गति का तीसरा नियम
कक्षीय वेग
- किसी उपग्रह को अपनी कक्षा में घूमते रहने के लिए जिस वेग की आवश्यकता होती है, उसे क्या कहते है
कक्षीय वेग - किस वेग का मान उपग्रह का द्रव्यमान पर निर्भर नही करता
कक्षीय वेग - किस वेग का मान उस ग्रह के द्रव्यमान तथा त्रिज्या पर निर्भर करता है जिसके चारों ओर उपग्रह चक्कर लगा रहा है
कक्षीय वेग - उपग्रह की ऊँचाई जितनी अधिक होगी, उसका कौन सा वेग उतना ही कम होगा
कक्षीय वेग - कक्षीय वेग की दिशा किस रेखा के अनुदिश होती है
पथ की स्पर्श रेखा
पलायन वेग
- वह न्यूनतम् वेग क्या कहलता है जिससे किसी वस्तु को पृथ्वी तल से ऊपर फेंकने पर वह पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकल जाए और पुनः वापस न आए
पलायन वेग - किस वेग का मान प्रक्षेपण कोण तथा प्रक्षेपण की दिशा पर निर्भर नही करता
पलायन वेग - पृथ्वी की सतह पर पलायन वेग का मान कितना होता है
11.2 किमी/सेकेंड - पृथ्वी के चारों ओर घूमते किसी उपग्रह के वेग को कितने फीसदी बढ़ाने पर वह उपग्रह पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र से पलायन कर जाएगा
41.4 प्रतिशत - यदि कोई वस्तु अनंत ऊँचाई से स्वतंत्रतापूर्वक नीचे गिरती है, तब वह वस्तु किस वेग से पृथ्वी की सतह पर पहुँचेगी
11. 2 किमी/ सेकेंड के वेग से
उपग्रह की बंधन ऊर्जा ( Binding Energy of Satellite )
- उपग्रह द्वारा ग्रह के गुरूत्वीय क्षेत्र को छोड़कर जाने ेक लिए आवश्यक ऊर्जा को क्या कहते है
उपग्रह की बंधन ऊर्जा - जब कोई उपग्रह किसी कक्षा में घूमता है, तब उसको कक्षा में बनाए रखने के लिए किस ऊर्जा की आवश्यकता होती है
किसी ऊर्जा की नहीं - जब उपग्रह की ऊर्जा ऋणात्मक होती, तब उपग्रह किस कक्षा से किस पथ में पलायन कर जाता है
परवरलयाकार पथ में - जब उपग्रह की ऊर्जा धनात्मक होती है, तब उपग्रह अपनी कक्षा से किस पथ में पलायन कर जाता है
अतिपरवलयाकार पथ में - क्या बढ़ाने पर उपग्रह की स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि हो जाती है और वह छोटी त्रिज्या के वृत्तीय पथ में घूमने लगता है
उपग्रह का वेग - क्या बढ़ाने पर उपग्रह की स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि होती है तथा गतिज ऊर्जा कम हो जाती है
उपग्रह की ऊँचाई - किस कक्षा में घूमते समय उपग्रह की स्थितिज ऊर्जा उसकी गतिज ऊर्जा से अधिक होती है
वृत्तीय कक्षा में
उपग्रहों का परिक्रमण काल व उनमें भारहीनता
- उपग्रह का कौन सा काल केवल उसकी पृथ्वी तल से ऊँचाई पर ही निर्भर करता है
परिक्रमण काल - उपग्रह किस तल से जितना दूर होगा, उसका परिक्रमण काल उतना ही अधिक होका
पृथ्वी तल - उपग्रह का परिक्रमण काल उपग्रह के किस गुण पर निर्भर नहीं करता
द्रव्यमान - उपग्रहों में व्यक्ति का आभासी भार ( प्रतिक्रिया बल ) कितना होता है
शून्य - उपग्रहों में व्यक्ति का आभासी भार शून्य होने के कारण उसमें किस तराजू द्वारा वस्तु का भार नापा नहींजा सकता है
कमानीदार तराजू - उपग्रहों में व्यक्ति का अभासी भार ( प्रतिक्रिया बल ) शून्य होने के कारण अंतरिक्षयात्रियों को भोजन किस रूप में ट्यूब में भरकर दिया जाता है
पेस्ट के रूप में - कौन सा ग्रह द्रव्यमान अधिक होने के कारण अपने तल पर स्थित व्यक्ति पर स्वयं एक आकर्षण बल लगाता है जिसके कारण व्यक्ति को कुछ भार का अनुभव होता है
चंद्रमा
भू- स्थिर व ध्रुवीय उपग्रह
- पृथ्वी के चारों ओर किस तल में कोई कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी के चक्रण की दिशा में 24 घंटे के परिक्रमण काल से चक्कर लगाता है, तो वह पृथ्वी पर स्थित प्रेक्षक ( देखने वाले) को स्थायी प्रतीत होता है
विषुवतीय तल - जो कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी के चक्कर लगाता स्थायी प्रतीत होता है, उसे क्या कहते है
भू- स्थिर उपग्रह - किस प्रकार के उपग्रह को पार्किग उपग्रह भी कहते है
भू- स्थिर उपग्रह - कौन से उपग्रह संचार में सहायक है और संचार उपग्रह ( ( तुल्यकाली उपग्रह ) कहलाते है
भू- स्थिर उपग्रह - वह कक्षा क्या कहलाती है जिसमें संचार उपग्रह पृथ्वी के चारों चक्कर काटता है
पार्किंग कक्षा - पृथ्वी सतह से भू – स्थिर उपग्रह की ऊँचाई कितनी होती है
36,000 किमी - वह उपग्रह जो पृथ्वी के चारों तरफ ध्रुवीय कक्षा में चक्कर लगाता है, क्या कहलता है
ध्रुवीय उपग्रह - कौन सा उपग्रह पृथ्वी के 100 प्रतिशत भू – भाग को नियंत्रित कर सकता है
ध्रुवीय उपग्रह - कौन सा उपग्रह लम्बे समय की भविष्यवाणी के लिए प्रयुक्त होता है
ध्रुवीय उपग्रह
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- एक लोलक घड़ी तथा एक कमानी घड़ी को मैदान से किसी पर्वत पर ले जाने पर किस घड़ी का आवर्तकाल g पर निर्भर होने के कारण वह सुस्त हो जाती है
लोलक घड़ी - लोलक घड़ी तथा कमानी घड़ी में से किसका आवर्तकाल g पर निर्भर नही करता है
कमानी - किस वजह से एक कृत्रिम उपग्रह को ऐसी कक्षा में स्थापित करना संभव नहीं हैं कि वह सदैव दिल्ली के ठीक ऊपर रहे
दिल्ली का विषुवतरेखीय तल पर स्थित न होना - एक रॉकेट को किस बिंदु से छोड़ना अधिक लाभदायक है क्योकिं वहाँ पर पृथ्वी के घूर्णन का रेखीय वेग अधिकतम् होता है
विषुवत रेखा - किस वजह से पृथ्वी पर गरूत्वीय बल सूर्य के कारण लगने के बावजूद भी वह सूर्य की ओर नही गिरती है
सूर्य के गुरूत्वीय बल का पृथ्वी के वेग के लंबवत् होना - पृथ्वी के सतह से किस निश्चित ऊँचाई पर प्रभावी गुरूत्वीय त्वरण शून्य हो जाने पर वस्तु का भार भी शून्य हो जाता है
जहाँ चंद्रमा तथा पृथ्वी के गुरूत्वीय त्वरण बराबर हो जाते है