प्रिय दोस्तो आप अपने बच्चों को शब्दावली ( Vocabulary ) Shabdavali पढ़ाना चाहते हैं तो इस पोस्ट के माध्यम से आप को अच्छी शब्दावली ( Vocabulary ) Shabdavali की जानकारी मिल जायेगी। देखिए आज का पोस्ट बहुत महत्वपूर्ण हैं, बच्चो! आप घर से विद्यालय तक अनेक अच्छे शब्दों से परचित हो चुके है। अब यही शब्दावली शब्द आपको समाज से जोड़ते है।
तो दोस्तो मैं आगे के पोस्ट में ग्यारह स्वर मात्रा, और छोटे – छोटे ग्रामर पार्ट का आर्टिकल लिख चुकी हूँ । अपने बच्चों को हिन्दी ग्रामर की अच्छी नॉलेज के लिए, इस matra wale साइट को सर्च करों, आपने बच्चों को पढ़ाने के लिए बहुत पोस्ट मिलेगा जो छोटे विद्यार्थी को सिखना अनिवार्य है।
Table of Contents
Vocabulary Shabdavali
बच्चों के लिए शब्दावली ( Vocabulary ) Shabdavali जानना जरूरी होता है। क्योकिं अच्छे शब्दों से ही अच्छा समाज बनता है। जब बच्चे अच्छे एवं समझदार लोगों मेंं बोलते है। तो उन लोगों को अच्छा लगता है और बच्चों काफी होशियार समझा जाता है।
शब्दावली से अच्छी भाषा की निर्माण होती है। अच्छे वर्णों के मेल से अच्छा शब्द बनता है। अतः भाषा को उन्नत और समृद्ध बनाने में सहायक होती है – शब्दावली ( Vocabulary ) Shabdavali ।
शब्दों का ज्ञान। शब्दों की जानकारी । यह ज्ञान एवं जानकारी भाषा पर हमारी पकड़ मजबूत बनाती है और भाषा का विकास करती है। व्यक्ति को भाषा की जितनी समझ होगी, समाज में उसे उतना ही अच्छा सम्मान और स्थान भी मिलता है। इसीलिए भाषा की समझ को बढ़ाने के लिए शब्दावली ( Vocabulary ) Shabdavali के अनेक प्रकारों को समझना आवश्यक है।
Vocabulary Shabdavali Hindi
अब चलिए दोस्तो मैं शब्दावली के प्रकार जानेगें कि शब्दावली कितने प्रकार के होते है।
एकार्थी शब्द ( Words with one meaning )
अनेकार्थी शब्द ( Words with various meanings )
पर्यायवाची शब्द ( Synonyms )
विलोम शब्द ( Antonyms )
वाक्यांशों के लिए एक शब्द ( One- word subsitute for a phrase )
समरूपी भिन्नार्थक शब्द ( Homophones )
समूहवाची शब्द ( Collective Words )
1- एकार्थी शब्द ( Words with one meaning )
एकार्थी शब्द भाषा में एक अर्थ के लिए प्रतीक होते है। ये शब्द ऐसे होते है, जो सुनने में एक – दूसरे के पर्याय लगते है। समान अर्थ जैसे लगते हैं, परन्तु इनमें अंतर होता है। ये केवल एक ही अर्थ के प्रतीक होते हैं इसलिए इन्हें एकार्थी शब्द कहते है।
जैसे –
अगम – जहाँ पहँचा न जा सके।
दुर्गम – जहाँ कठिनाई से पहुँचा जा सके।
आधि – मानसिक रोग, चिंता।
व्याधि – शारीरिक रोग ।
उपहार – बराबर वालों को देना।
भेंट – बड़ों को देना।
अवस्था – जीवन का एक भाग।
आयु – उम्र, पूरा जीवन।
पर्यटन – किसी विशेष उद्देश्य के लिए घूमना।
भ्रमण – घूमना।
परिश्रम – शारीरिक और मानसिक।
श्रम – शारीरिक।
बहुमूल्य – बहुत कीमती।
अमूल्य – जिसका कोई मूल्य ही न लगाया जा सके।
वध – शत्रु को मारना।
हत्या – निर्दोष के प्राण लेना।
हवा – सामान्य हवा/ पवन।
समीर- धीरे – धीरे बहनेवाली पवन।
विद्या – ज्ञान।
शिक्षा – सीख।
कष्ट – किसी कार्य से होने वाली पीड़ा।
दुख – पीड़ा।
अनेकार्थी शब्द ( Words with various meanings )
अनेकार्थी शब्द भाषा में विविधता लाते है। इनमें अनेक अर्थों की अनुभूति होती है। अनेकार्थी का शाब्दिक अर्थ है – ‘अनेक अर्थवाले’। अर्थात वे शब्द जो अनेक अर्थ प्रकट करें उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते है। भाषा की रोचकता में ये अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
जैसे –
अंबर – आकाश, वस्त्र ।
अर्थ – धन, मतलब, प्रयोजन, कारण।
आदेश – अनुकरणीय, शीशा, उदाहरण।
आम – साधारण, एक फल विशेष।
आली – सखी, पंक्ति।
ईश्वर- स्वामी, परमेश्वर, अमीर।
उपचार – इलाज, उपाज।
कनक – सोना, धतूरा ।
खल – खलिहान, दुष्ट।
जड़ – मूर्ख, अचेतन, मूल।
तनु – शरीर, पतला।
तात – पिता, भाई, मित्र, बड़ा, पूज्य, प्यारा।
तप – साधना, गर्म होना।
तम – अँधेरा, तमोगुण।
दल – पत्ता, सेना, झुण्ड, पार्टी।
कर – हाथ, किरण, हाथी की सूँड़, टैक्स, मालगुजारी।
नाग – सर्प, हाथी, नागकेशर।
नाक – स्वर्ग, नासिका।
नव – नया, नौ।
पत्र – पत्ता, चिट्ठी, पंख, पृष्ठ।
पट – कपड़ा, दरवाजा, तख्ता, जल्दी।
पानी – जल, सान, कांति।
प्रकृति – स्वभाव, कुदरत, मूलावस्था।
बल – शक्ति, सेना, बलदेव।
मव – संसार, जन्म।
भाग – हिस्सा, भाग्य, नसीब।
माला- पंक्ति, हार।
मान – सम्मान, परिमाण।
वन – जंगल, जल।
वास – रहना, घर, सुगंध।
मित्र – सूर्य, दोस्त, वरूण, देवता का साथी।
3. पर्यायवाची शब्द ( Synonyms )
पर्यायवाची अर्थात समानार्थक शब्द । ये वे शब्द होते हैं जो अर्थ की दृष्टि से समान होते है। इनका अर्थ एक – दूसरे से मिलता – जुलता होता है, परंतु भावों का प्रभाव प्रयोग स्थल के अनुसार होता है। अतः समान अर्थ को प्रकट करने वाले शब्द समानार्थक या पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं। इनसे भाषा का विकास होता है। भाषा उन्नत बनती है।
जैसे –
अग्नि – अनल, आग, कृशानु, जातवेद, धूमकेतु, दहन, पावक, वायुसखा, वैश्वानर, शिखी, हुताशन, वह्यि।
अज्ञ – अजान, अज्ञानी, नासमझ, मूर्ख, ।
अधम – निकृष्ट, नीच, दुष्ट, पतित, पामर, पोच।
अंधकार – अँधेरा, तम, तिमिर, ध्वांत।
अपमान – अवमान,अनादर, निरादर, तिरस्कार, बेइज्जती।
अतिथि – अभ्यागत, आगंतुक, पाहुना, मेहमान।
अमृत – अमिय, अमो, पीयूष, सुधा।
अवनति – अधोगति, गिरावट, पतन।
आज्ञा – आदेश, निर्देश, शासन, हुक्म।
इच्छा – अभिलाषा, आकांशा, उत्कंठा, कामना, चाह, मनोरथ, लालसा, स्पृहा।
ईश्वर – ईश, परमात्मा, परमेश्वर, प्रभु, जगदीश, भगवान।
उचित- अभ्युदय, उत्थान, उत्कर्ष, तरक्की, वृद्धि, विकास।
किनारा – कूल, कगार, तट, तीर, छोर।
क्रोध – अमर्ष, कोप, गुस्सा, मन्यु, रिस, रोष।
गंगा – जाह्नवी, भागीरथी, सुरसरिता, देवनदी, त्रिपथंगा, सुरनदी।
तलवार – असि, करवाल, कृपाल, खड्ग, चंद्रहास।
तारा – उडु, तारक, नखत, नक्षत्र।
तीर – इषु, वाण, विशिख, शर।
दूध – क्षीर , दुग्ध, पय, स्तन्य।
निर्मल – पवित्र, विमल, शुद्ध, स्वच्छ, साफ।
ब्राम्हण – अग्रजन्मा, द्विज, भूदेव, मुसुर, विप्र।
बुद्धि – घी, प्रज्ञा, मति, मनीषा, मेधा।
विलोम शब्द ( Antonyms )
विलोम अर्थात विपरीत अर्थवाले शब्द । ये वे शब्द होते हैं जो मूल शब्द के विपरीत अर्थवाले शब्द का भी ज्ञान कराते हैं ।
जैसे –
इसका अर्थ बताओं। अर्थ बताने के बाद, जवाब आता है। तुमने तो अनर्थ कर दिया। भला, ऐसा भी कोई होता है !
धर्म पर चलो अधर्म का काम क्यों करते हो ? ये शब्द भाषा का श्रृंगार करते है। भाषा के माध्यम से समाज को सभ्य बनाते हैं। इनका प्रयोग करने से लगता है कि समाज में पढ़े – लिखे लोग हैं, क्योकि भाषा का सही प्रयोग ही एक अच्छे समाज की पहचान है।
शब्द | विलोम |
जाति | व्यक्ति |
झूठ | सच |
झोपड़ी | महल |
डरपोक | निडर |
तटस्थ | पक्षपाती |
तीव्र | मन्द |
तीक्ष्ण | कुंंठित |
त्यागी | स्वार्थी |
थोक | परचून |
दिन | रात |
दीन | समृद्ध |
दानी | कृपण |
दयालु | क्रूर |
दीर्घ | हस्व |
दुर्गन्ध | सुगन्ध |
नवीन | प्राचीन |
निन्दा | स्तुति |
धनाढ्य | दरिद्र |
निराकार | साकार |
निद्रा | जाग्रति |
5. वाक्यांशों के लिए एक शब्द ( One – word subsitute for a phrase )
ये शब्द भाषा को संक्षिप्त रूप प्रदान करते है। समय के साथ – साथ परिश्रम एवं कागज की भी बचत करते है। इनसे भाषा प्रभावशाली बनती है। सुनने वाले और समझने वाले पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। इन शब्दों की जानकारी सो बच्चों की भाषा परिपक्व होती है। वे भाषा के प्रयोग, को, उसके उपयोग को, उसकी आवश्यकता को समझने लगते है।
अजेय – जो जीता न जा सके।
अतुलनीय – जिसकी तुलना न हो।
अदृश्य – जो दिखाई न दे ।
असाध्य – जिसका इलाज न हो सके ।
अतींद्रिय – इंद्रियों की पहुँच से परे।
अधीर – जिसमें धैर्य न हो ।
अमर – जो कभी न मरे।
अनादि – जिसका आदि ( शुरू ) न हो ।
अनपढ – जो पढ़ा हुआ न हो।
अल्पज्ञ – जो अल्प ( थेड़ा ) जानता हो।
अवैतनिक – जो वेतन के बिना काम करे।
अवध्य – जो वध ( हत्या ) के योग्य न हो ।
अश्रुतपूर्व – जो पहले कभी न सुना गया हो।
अभूतपूर्व – जो पहले न हुआ हो ।
अदूरदर्शी – जो दूर की बात न सोच सके ।
अपार – जिसका पार न हो ।
अधोलिखित – जिसको नीचे लिखा गया हो ।
अनंत – जिसका अन्त न हो ।
अमानुषिक – जो मनुष्य से न हो सके।
अनुपम – जिसकी उपमा न दी जा सके।
अटल – जो अपने स्थान से न टले ।
अनिवार्य – जिसको रोका ( टाला ) न जा सके।
अलंघनीय – जो लांघा न जा सके।
अनाथ – जिसका नाथ ( माता- पिता ) कोई न हो ।
अद्वितीय – जिसके समान ( दूसरा ) कोई न हो।
अथाह – जिसकी थाह ( गहराई ) न पाई जा सके।
अचिंतनीय – जिसके बारे में सोचा न जा सके।
अनुकरणीय – जो अनुकरण ( नकल ) के योग्य हो ।
अंतर्यामी – सबके मन को जानने वाला।
अविश्वसनीय – जिस पर विश्वास न किया जा सके ।
अकृतपूर्व – जो पहले कभी न किया गया हो।
अंतर्यातीय – सभी जातियों से संबंध रखने वाला।
6- समरूपी भिन्नार्थक शब्द ( Homophones )
ये शब्द समान रूप के होते हैं और इनके उच्चारण में सूक्ष्म अंतर होता है। सूक्ष्म से तात्पर्य है – थोड़ा- बहुत।
इन शब्दों का अर्थ बिलकुल अलग होता है। उच्चारण में भी समानता नजर आती है, परंतु उच्चारण समान नही होता है। इसीलिए इन्हें समरूपी भिन्नार्थक शब्द कहते है। अर्थात उच्चारण में थोड़े- बहुत समान, परंतु अर्थ की दृष्टि से बिलकुल अलग शब्द ही समरूपी भिन्नार्थक शब्द होते है।
अचल – पर्वत।
अचला – पृथ्वी।
अजात – न पैदा हुआ।
अज्ञात – न जाना हुआ।
अनल – आग ।
अनिल – वायु ।
अवधि – हद, सीमा।
अवधी – अवध, प्रांत की भाषा।
अली – भौंरा।
आली – सखी।
अमल – साफ, नशा।
अम्ल – खट्टा
अवश्य – जरूर।
अवलंब – सहारा ।
अविलंब – सहारा।
समूहवाची शब्द ( Collective Words )
समूहवाची शब्द एक समूह के प्रतीक होते है। मानव समाज में प्रचलित अनेक वर्ग अपनी – अपनी अलग पहचान रखते है। उन्हें संबोधित करने के लिए भी अलग – अलग शब्द निश्चुत किए गए है।
जैसे – ‘छत्ता’ मधुमक्खियों का ही होता है। इंसान का नही। इसी अत्तर को समझने के लिए समूहवाची शब्दों की जानकारी आवश्यक है।
टुकड़ी – सेना की।
मंड़ली – कलाकारों की।
गट्ठर – लकड़ियों का।
जोड़ा – जूतों का ।
टीम – खिलाड़ियो की।
टोली – यात्रियो की।
श्रृंखला – पर्वतों की।
दल – घुड़सवरों का ।
ढेर – अनाज का ।
गिरोह – डाकुओं का।
कुंज – लताओं का।
माला – फूलों की।
गुच्छा – चाबियों का।
आज का यह पोस्ट कैसा लगा कमेन्ट में जरुर बताइयेगा ताकि इस साइट पर आपके बच्चे के लिये बेहतर कन्टेन्ट पड़ता रहे।