ये पोस्ट आप आप के लिए महत्वपूर्ण है मौलिक अधिकार से Samvaidhanik Upcharo ka Adhikar ( संवैधानिक उपचारों का अधिकार ( अनुच्छेद- 32 ) लिया गया है । प्यारे दोस्तों इस टॉपिक से सारे प्रश्नों के उत्तर दिया गया है । जो आप लोग असानी समझ सकेगें और भी प्रश्न बनाने में असान समझेगें ।
Table of Contents
संवैधानिक उपचारों का अधिकार ( अनुच्छेद – 32)
- किस अधिकार के माध्यम से मूल अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं
संवैधानिक उपचारों का अधिकार - संवैधानिक उपचारों का अधिकार किस अनुच्छेद में दिया गाय हैं
अनुच्छेद- 32
- बी. आर. अम्बेडकर ने किस अधिकार को संविधान का हदय एवं आत्मा की संज्ञा दी थी
संवैधानिक अपचारों का अधिकार
न्यायिक अभिलेख ( Writs )
- किस वर्ष तक केवल कलकत्ता, बम्बई एवं मद्रास उच्च न्यायलय को ही रिट जारी करे का अधिकार प्राप्त था
1950 - कौन सा अनुच्छेद अब सभी उच्च न्यायलयों को रिट जारी करने की शक्ति प्रदान करता है
अनुच्छेद- 226 - कौन सा न्यायालय केवल मूल अधिकारों के क्रियान्वयन को लेकर रिट जारी कर सकता है
उच्चतम् न्यायालय - कौन सा न्यायालय मूल अधिकारों के क्रियान्वयन के अलावा किसी अन्य उद्देश्य को लेकर भी रिट जारी कर सकता है
उच्च न्यायालय
बन्दी प्रत्यक्षीकरण ( Habeus Corpus )
- किस मामले में न्यायलय ने बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट के उद्देश्य को शारीरिक स्वतंत्रता के साथ – साथ मानवीय सुरक्षा भी बताया
सुनील बत्रा केस - न्यायलय किस रिट द्वारा गिरफ्तार करने वाले व्यक्ति से गिरफ्तार किए जाने का कारण पूछता है
बंदी प्रत्यक्षीकरण - न्यायलय किस रिट द्वारा गिरफ्तार व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देता है
बंदी प्रत्यक्षीकरण - जब निरूद्ध व्यक्ति न्यायालय की अधिकारिता के भीतर नहीं है तो कौन सी रिट जारी नहीं की जा सकती है
बंदी प्रत्यक्षीकरण - जब निरूद्ध व्यक्ति किसी अपराध के लिए दोषी सिद्ध किया गया है तो कौन सी रिट जारी नही की जा सकती है
बंदी प्रत्यक्षीकरण - किसी अभिलेख न्यायालय अथवा संसद द्वारा अवमानना के लिए कार्यवाही में हस्तक्षेप करने के लिए कौन सी रिट जारी नहीं की जा सकती
बंदी प्रत्यक्षीकरण
परमादेश ( Mandamus )
- किस याचिका का शाब्दिक अर्थ ‘हम आदेश देते है’ होता है
परमादेश - कौन सी रिट को तब जारी किया जाता है, जब कोई सर्वजनिक पदाधिकारी अपने सार्वजनिक कर्तव्य का पालन नहीं करता
परमादेश - किस रिट के माध्यम से किसी सार्वजनिक पदाधिकारी को अपने कर्तव्य का पालन करने का आदेश दिया जाता है
परमादेश - किस रिट को किसी भी सार्वजनिक इकाई, निगम, अधीनस्थ न्यायालयों, प्राधिकरणों या सरकार के खिलाफ समान उद्देश्य के लिए जारी किया जा सकता है
परमादेश - कर्तव्य का पालन करने का आदेश देने वाली किस रिट को निजी व्यक्तियो या इकाई के विरूद्द जारी नही किया जा सकता है
परमादेश - कर्तव्य का पालन करने का आदेश देने वाली किस रिट को गै – संवैधानिक विभागों के विरूद्ध जारी नही किया जा सकता है
परमादेश - कर्तव्य का पालन करने का आदेश देने वाली किस रिट को भारत के राष्ट्रपति या राज्यों के राज्यपालों के विरूद्ध जारी नही किया जा सकता
परमादेश
प्रतिषेध ( Prohibition )
- कौन सी रिट एक प्रकार से न्यायिक रिट है
प्रतिषेध - कौन सी रिट तब जारी की जाती है, जब कोई न्यायालय अपनी अधिकारिता
प्रतिषेध - कौन सी रिट प्रशासनिक प्राधिकरणों, विधायी निकायों एवं निजी व्यक्ति या निकायों के विरूद्ध उपलब्ध नहीं है
प्रतिषेध - कौन सी रिट सिर्फ न्यायिक एवं अर्द्ध – न्यायिक प्राधिकरणों के विरूद्ध ही जारी की जा सकती है
प्रतिषेध - कौन सी रिट तब जारी होती है, जब नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्तों की अवहेलना की जा रही है
प्रतिषेध
उत्प्रेषण ( Certiorari )
- उच्च न्यायलय के विरूद्ध उच्चतम् न्यायलय कौन सी रिट जारी कर सकता है
प्रतिषेध व उत्प्रेषण - कौन सी रिट अधिकांशतः किसी विवाद को निम्न न्यायलय से उच्च न्यायलय में भेजने के लिए जारी की जाती है
उत्प्रेषण - निम्न न्यायलय को अपनी शक्ति से अधिक अधिकारों का उपयोग करने से रोकने के लिए कौन सी रिट जारी की जाती है
उत्प्रेषण - निम्न न्यायलय को शक्ति दुरूपयोग द्वारा न्याय के प्राकृतिक सिद्धान्त को भंग करने से रोकने के लिए कौन सी रिट जारी की जाती है
उत्प्रेषण - कौन सी रिट पहले सिर्फ न्यायिक या अर्ध्द – न्यायिक प्राधिकरणों के खिलाफ ही जारी की जा सकती है
1991 - किस रिट की तरह उत्प्रेषण भी विधायी निकायों एवं निजी व्यक्ति या निकायों के विरूद्ध उपलब्ध नहीं है
प्रतिषेध
अधिकार पृच्छा ( Quo – warranto )
- किस रिट का मुख्य उद्देश्य किसी व्यक्ति को किसी सार्वजनिक अथवा लोकपद को अवैध रूप धारण करने से रोकना है
अधिकार – पृच्छा - सार्वजनिक पद को अवैध रूप से धारण किए व्यक्ति को हटाकर कौन – सी रिट उस पद को रिक्त घोषित कर सकती है
अधिकार – पृच्छा - अधिकार पृच्छा की रिट जारी करना अथवा नही करना, न्यायालय की किस शक्ति के अन्तर्गत आता है
विवेकाधीन शक्ति - कौन सी रिट का कोई भी व्यक्ति अपने अधिकार के रूप में दावा नही कर सकता है
अधिकार – पृच्छा
मूल अधिकारों का निलंबन
- अनुच्छेद- 352 के अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल की घोषणा ( युद्ध और बाम्ह आक्रमण के आधार पर ) के साथ किस अनुच्छेद का निलंबन हो जाता है
अनुच्छेद – 19 - अनुच्छेद- 19 के अलावा दूसरे मौलिक अधिकारों को राष्ट्रपति किस अनच्छेद के तहत् अधिसूचना जारी कर निलंबित कर सकता है
अनुच्छेद -359 - किन अनुच्छेदों के अंतर्गत दिए गए मूल अधिकारों का निलंबन नही हो सकता
अनुच्छेद – 20 व अनुच्छेद- 21 - किस संविधान संशोधन के अनुसार अनुच्छेद 20 और 21 द्वारा प्रद्त्त अधिकार कभी भी समाप्त नही किए जा सकते
44वां संविधान संशोधन ( 1978) - किस अनु्च्छेद के द्वारा सशस्त्र बलों के मौलिक अधिकारों को संसद समाप्त कर सकती है
अनुच्छेद- 33 - किस अनुच्छेद के अंतर्गत मार्शल लॉ के प्रवर्तन के दौरान मौलिक अधिकरो के हनन पर संसद क्षतिपूर्ति करने की शक्ति रखती है
अनुच्छेद – 34 - किस अनुच्छेद में प्राविधान है कि कतिपय विशेष मूल अधिकारों को प्रभावी बनाने के लिए विधि निर्माण केवल संसद के क्षेत्राधिकार में होगा
अनु्च्छेद- 35 - बी. आर. अंबेडकर कहाँ से संविधानसभा में निर्वाचित हुए
बंगाल से - प्रारूप समिति में बी. एल. मित्तर के स्थान पर किसे लिया गया
एन. माधवराव - संविधानसभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे
डॉ. भीमराव अंबेडकर - संविधान की प्रारूप समिति में सदस्यों की संख्या कितनी थी
7 - संविधानसभा की प्रारूप समिति का गठन कब हुआ
29 अगस्त, 1947 - संविधानसभा की समितियों में कौन सी समिति सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण थी
प्रारूप समिति - संविधानसभा कार्यालय की मंत्रणा शाखा ने भारत के संविधान का प्रथम प्रारूप कब तैयार किया
अक्टूबर- 1947 - संविधान का प्रथम वाचन कब हुआ
4-9 नवंबर, 1948 - संविधान का दूसरा वाचन कब हुआ
15 नवंबर, 1948-17अक्टूबर, 1949 - संविधान का तीसरा वाचन कब हुआ
14- 26 नवंबर, 1949 - संविधानसभा ने भारत के संविधान पर अंतिम रूप से हस्ताक्षर कब किए
24 जनवरी, 1924