Gay par nibandh | Birthday Par Nibandh kaise likhen

अगर आप गाय पर निबन्ध Gay par nibandh या Birthday par Nibandh सर्च कर रहें हैं तो आप सही वेबसाइट पर आये हैं। आज के इस पोस्ट में गाय पर निबन्ध, जन्मदिन पर निबन्ध, इत्यादि की विस्तृत जानकारी मिलेगी।

हेलो दोस्तो आज की पोस्ट में बच्चों का निबन्ध निखना बताऊँगी जो बहुत इम्पोर्टेन्ट हैं कक्षा 1 से बच्चो को टीचर निबन्ध लिखने को सिखाते हैं और बुक से भी पढाते रहते हैं। इसी होमवर्क भी देते हैं तो चलिए मैं इस आर्टकल के माध्यम से बच्चों मदद करूँगी। छोटे क्लास के विद्यार्थी को छोटा वाक्य में लिखने को कहते हैं।

Gay par Nibandh Hindi me

जैसे – गाय का निबन्ध,  मेरा घर,  मेरा स्कूल,  मेरे दोस्त।  इसे ही छोटे वाक्यों बच्चों को लिखना बताते रहते हैं। निबन्ध को अग्रेंजी में एस्से कहते हैं। जो हिन्दी में  लिखना होता हैं वैसे इग्लिंश में छोटे बच्चों  को पहले हिन्दी से ही पढ़ना- लिखना सिखाये तो काफी अच्छा होता हैं। क्योकी  बच्चे घरों में पहले हिन्दी ही बोलता शुरू करते हैं। उनको हिन्दी ज्यादा समझ में आती हैं।

Gay par nibandh || Birthday par nibandh likhe
Gay par nibandh || Birthday par nibandh

उसके बाद धीरे – धीरे हिन्दी शब्दो को अंग्रेजी में परिवर्तन करने को टीचर सिखाते हैं। बच्चे उसको जल्दी पकड़ लेते हैं। तो छोटे विद्यार्थी को स्कूल में निबन्ध लिखने का  होमवर्क टीचर देते हैं। कक्षा 1 के स्टूडेट के काफी परेशानी होती हैं। तो आज के बच्चे मोबाइल से पढनें का ज्यादा इंट्रेस्ट रखते है वह घर आकर तुरन्त गूगल में सर्च में करके लिखना शुरू कर देते हैं। इस लिए मैं  मात्रा वाले साइट में आप लोगो को अच्छी पोस्ट को उपलब्ध कराती रहुंगी जो  खास छोटे विद्यार्थी के लिये हैं।

Gay par nibandh 20 Line Hindi

Gay par nibandh गाय पर निबन्ध 10 लाइन में

तो दोस्तो अब छोटे बच्चों को लिए निबन्ध कैसे लिखे – सबसे पहले गाय का निबन्ध लिखेंगे। निबन्ध को हिन्दी में लेख भी कहते है। लोवर  छात्र को हम सरल भाषा में लिखना – पढंना सिखाते हैंं। जो अच्छे से समझे।

गाय एक पालतू जानवर हैं । इसे हम लोग गौ माता के नाम से पुकारते है। यह हमलोग को दूध देती है, गाय का दूध बच्चो के लिए उपयोगी होता है। गाय के चार पैर,  दो सिंघ होते हैं। गाय को दो कान,  नाक होते हैं। गाय भूसा और हरी घास खाती हैं। गाय पालना हिन्दू धर्म में श्रेष्ठ मानते हैं। हिन्दू लोग गौ माता का पूजा करते हैं। गाय बहुत सीधी जानवर होती है। गाय पालना हिन्दू धर्म में शुभ मानते हैं ।

Hindi me Gay par nibandh

गाय के दूध को स्वास्थ के लिये अच्छा माना जाता हैं। गाय के दूध से दही,  मक्खन,  घी,  बनता हैं इसके दूध से हम अलग – अलग तरह के मिठायाँ भी बनाया जाता है।गाय के दूध से पनीर बनाया जाता है। जिनको खाने से पौष्टिक मिलता हैं । गाय पालना बहुत लाभदायक होता हैं। गाय हमें गोबर देती हैं।

इनके गोबर से खाद बनते हैं। जो खेतो में,  पेड- पौधो में डाला जाता है। फूलों में इसका खाद डालते हैं। गाय भारत के सभी राज्य में पायी जाती हैं। लगभल पूरे संसार में गाय पाली जाती हैं। गाय को पालतू जानवर में सबसे उत्तम जानवर मानते हैं। यह बहुत ही उपयोगी पशू होती है।

Gay Par Nibandh Kaise Likhe

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मेरा स्कूल पर निबन्ध

मेरा स्कूल बहुत अच्छा हैं। मैं इस स्कूल में पढता हूँ । मैं कक्षा 1 का स्टूडेन्ट हूँ । मेरे स्कूल का इमारत काफी लुक में हैं । मेरे स्कूल रूम बड़े साइज का बना हैं । कुल 20 रूम हैं जिसमें खिड़या दरवाजे लगे हैं। मेरे स्कूल का गार्डेन बहुत बड़ा हैं। गार्डेन में बहुत सारे फूल लगें हैं। मेरे स्कूल में एक बड़ा सा खेल मैदान भी हैं। जिसमें टीचर क्रिकेट, फुटबाल और खो-खो खेलाते हैं।

मेरे स्कूल बालकनी में  हर कलर के तरह के फूल और पौधे भी लगें हैं।  मेरा स्कूल शहर के सभी स्कूल से अच्छा माना जाता हैं। मेरे स्कूल में सारे सुविधा उपलब्ध हैं, सभी को कुछ कमी नही होता , आरो वाटर, कुलर वाटर, फैन, कुलर हवा  भी उपलब्ध है। और काफी स्पेस, हवादार कमरा हैं। मेरा स्कूल कक्षा 1 से 12 तक का हैं । स्कूल का रंग परपल कलर का हैं इसमें थ्रीडी लाइट लगे हैं।

Mera School Par Essay

जो देखने अच्छा दिखता हैं। मेरे स्कूल में  आठ मैडम और बारह सर है कुल 20 टीचर पढ़ाते हैं। मेरे स्कूल के प्रिंसिपल बहुत अच्छा हैं। मैं  परीक्षा में फस्ट आता हूँ मुझे कुछ गिफ्ट भी प्राप्त होता हैं । मैं अपने स्कूल का मानीटर हूँ मुझे पढ़ने बहुत अच्छा लगता हैं। मैं अपने स्कूल से बहुत प्यार करता हूँ।

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मेरा घर  पर निबन्ध

मेरा घर बहुत सुन्दर और बना हैं। इसका कलर पिंक हैं जो खुबसूरत नजर आता हैं। मेरे घर का गेट गोल्डेन रंग का है। मेरे घर का ग्राउंड बड़ा हैं इसमें छोटे – बडे पौधे फूल भी लगे हैं। मेरे घर दो मंजिले के हैं। मेरे घर में  कुल मेरे फैमली में 10 सदस्य हैं। मेरे घर में कुल 13 कमरा बना हैं ।

जो बहुत हवादार बड़ा हैं, सभी रूम  शानदार है। मरें घर के अन्दर शौचालय भी है। दो किंचन, स्नानघर है। मेरे बालकनी में तुलसी का पौधा लगाया गया हैं। मरे घर में छोटा सा मंदिर भी हैं । जाहाँ मेरे दादा, दादी रमायण पढ़ा करते हैं। मेरे घर में दो बड़े बेड रूप हैं।

बैठका भी बनाया गया जो काफी स्पेशीयल दिखता । और एक गेस्ट रूप भी हैं। मैं अपने घर को बहुत साफ- सुथरा रखते हैं। और मेरी मम्मी घर सुन्दर सजाती हैं। हम सभी अपने घर का सफाई रोज करते हैं। सभी समान उसके जगह रखते हैं। मैं भी अपना रूप साफ रखता हूँ । अपने घर में सोता, पढता रहता हूँ। मेरे घर में सारी सुविधा उपलब्ध हैं। हम दो भाई और एक बहन हैं। वह लोग भी अपना रूम साफ रखते हैं।

जन्म दिन पर निबन्ध

आज बच्चो जन्मदिन पर  बहुत उत्सुकता होता हैं। जो आज के हर घर में बड़े जोरो शोरो से मनाया जाता हैं। स्कूल में भी बच्चो टीचर को चाकलेट, टाफी देते हैं। दोस्तो को भी खिलाते हैं। तो दोस्तो चलिए हम जन्मदिन का निबन्ध  लिखे ।

जन्मदिन दिन हम अपने घर को अच्छे से सजाते हैं। बजार से बहुत सारे खिलौने मिठाईया भी खरीद कर लाते है। केक तो आता ही हैं, जो जन्मदिन के दिन इम्पर्टेंन्ट होता हैं। उस पर अपना नाम भी लिखा कर सजा देते हैं। उसके साथ कैडिल, फूल भी लाया जाता हैं।

Janm Din Par Nibandh Kaise Likhe

बाजार रंग – बिरंग गुब्बारा लाकर सजा देते हैं। घर में मम्मी अच्छा – अच्छा पकवान बनाती हैं। अपने दोस्तो को इनवाइट  किया जाता हैं। नये कपड़े पहकर दोस्तो के साथ मिलकर केक काटते हैं। ताली के साथ जोर – शोर से हैपीवर्थडे को बोलते रहते हैं। घर में अपने बड़ो का पैर छू कर और प्रेम भरा आशिर्वाद लेते हैं। दोस्तो जन्म दिन पर चाकलेट, मिठाई और कुछ गिफ्ट भी देते हैं।

खुशी से कुछ लोग गाने – नाचने भी लगते हैं। कुछ लोग तो घर साउंड डीजे भी बजाते हैं। जन्मदिन पर सारे बच्चों के मन खिल जाता हैं। वह बहुत ही खुशी से अपने जन्मदिन का आनन्द उठाते हैं। खास कर उनको अपने दोस्तो ज्यादा आनन्द लेना चाहते है। अगले जन्मदिन आने का बड़े बेसब्र से इन्तजार करते हैं।

मेरी माँ पर निबन्ध

अहा ! कितना प्रिय शब्द है – माँ ! माता, जननी,अम्मा, अंबा, मैया, मातुश्री, मम्मी आदि इसके अनेक नाम है। जन्म देना, दूध पिलाना, आप गीले पर सोना-शिशु को सूखे पर सुलाना, शिशु के बीमार होने पर सारी रात जागना, अपार कष्ट सहना, परन्तु बच्चे का कष्ट न सह सकना- ओह ! माँ, तेरे उपकारों का बदला हम कैसे दे सकते है ?

माँ से बढ़कर कोई प्यार नहीं कर सकता। इसीलिए बीमार या घायल होने पर हमारे मुँह से ‘हाय पिता’ नहीं, ‘हाय माँ’ ही निकलता है। जो माँ की सेवा नहीं करता, उसकी आज्ञा नहीं मानता, वह मनुष्य कृतघ्न है। माँ बड़ा कोई दोस्त नहीं होती जो समय पर साथ खड़ी रहती है। अपने बच्चों का हर दर्द को समझ सकती है।

माँ के सामने बच्चे  कितना भी बड़ा हो जाय, लेकिन उनको हमशा बच्चा ही नजर आते है। माँ हमेशा अपने बच्चें को कामयाब  और खुश  देखना चाहती है।  माँ बड़ा साथी इस धरती कोई न नही हो सकता है। माँ देवी की रूप होती है। जो बच्चों के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाती है। इसलिए बच्चों माँ को नही भुलाना चाहिए।

 

 

तो दोस्तो आज के पोस्ट में Gay Par Nibandh और Janm Din Par Nibandh पढ़कर आपको कैसा लगा? मुझे आशा हैं कि आप के बच्चों के लिए मेरा आर्टिकल अच्छा ही होगा । अगर अच्छा लगे तो अपनी इच्छा को कमेंट में जरूर लिखें। 

 

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