free wale shabd | श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द 700+

तो बच्चों, आज का मेरा पोस्ट हैं, free wale shabd श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द ( Pairs Of Similar Words ) । मेरे प्यारे छात्रों, हिंदी भाषा में कुछ ऐसे शब्द होते हैं जो सुनने में एक जैसे लगते हैं, परंतु इनके अर्थ तथा उच्चारण एक – दूसरे से बिलकुल भिन्न होते हैं।

श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द  ( Pairs Of Similar Words ) free wale shabd कुछ शब्द बोलने – सुनने में लगभग समान लगते  हैं, किंतु उनके अर्थ एक -दूसरे से भिन्न होते हैं, उन्हें श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द  कहते हैं। इस शब्दों बड़े बारिकी पकड़ना पड़ता है। इसमें मात्रा का भी ध्यान देना होता है।

शब्दों वर्ण एक जैसा रहेगा, लेकिन मात्रा में छोटा – बड़ा लग जाता है, समझलो उसका अर्थ बदल गया। अतः हमने जाना है- जैसे – सुत = बेटा,  सूत = धागा।  यहाँ ध्यान देने की बात अब आ गया दोनो शब्द सुनने में तो समान लग रहे है, परन्तु इसके उदाहरण व अर्थ एक – दूसरे से बिलकुल अलग है।

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यहा देखिए क्या अलग है? इस सुत का अर्थ तो बेटा है। पर इस सूत का अर्थ धागा है। तो मेरे प्यारे छात्रों अब तो आप को श्रुतिमस भिन्नार्थक शब्द समझ में आ गया होगा। यह आप लोगों हिन्दी व्याकरण में पढ़ना अनिवार्य है। क्योेंकि इस तरह का प्रश्न परिक्षा में पूछा जाता है।

शब्द अर्थ
दिशा तरफ
उपेक्षा अनादर
अपेक्षा आशा
जलद बादल
जलज कमल
पवन हवा
पावन पवित्र
बुरा खराब
बूरा चीनी
भवन मकान
भुवन संसार
मूल जड़
मूल्य कीमत
सर तालाब
शर बाण
बेर एक फल
बैर दुश्मन
निधन मृत्यु
निर्धन गरीब
परदेश दूसरा देश
प्रदेश राज्य
परिमाण मात्रा
परिणाम फल
बहु बहुत
बहू वधू
भारती सरस्वती
भारतीय भारत का 
रग नस
रंग वर्ण
शाला मकान
साला पत्नी का भाई
सास पति या पत्नी की माँ
साँस श्वास
शुल्क फीस
सुक्ल उज्जवल
इंदिरा लक्ष्मी
इन्द्रा इंद्राणी
अवधि समय सीमा
अवधी हिंदी की एक बोली
अविलंब तुरंत
अवलंब सहारा
चर्म चमड़ा
चरम अंतिम
संदेह शक
सदेह देह के साथ 
खल दुष्ट
खाल त्वचा
अभिराम सुंदर
अविराम लगातार
छाल छिलका
छल कपट, धोखा
कर्म काम
क्रम सिलसिला
बलि भेंट
बली बलवान
सुत बेटा
सूत धागा
रक्त खून 
रिक्त खाली
समान बराबर
सामान वस्तुएँ
ओर तरफ
और दूसरा
बालू  रेत
भालू रीछ
हँस हँसना
हंस एक पक्षी
दिन दिवस
दीन गरीब
पानी जल
पाणि हाथ
ग्रह नक्षत्र
गृह घर
में  अन्दर
मैं  अपने लिए प्रयोग
कोष खजाना
कोश शब्द – संग्रह
शोक दुख
शौक रूचि
कुल वंश
कूल किनारा
राज शासन
राज रहस्य
कपट धोखा
कपाट दरवाजे
इस्त्री प्रेस
स्त्री महिला
पिता जन्म देने वाला
पीता पीना
शाम संध्या
श्याम काला
कड़ाई सख्ती
कढ़ाई सूई – धागो से फूल बनाना
गिरि पर्वत
गिरी बीज

 

समूहवाची शब्द free wale shabd yad karo

बच्चों, किसी झुंड या समूह अथवा जमघट का बोध कराने वाले शब्दों को समूहवाची शब्द करते हैं। इन शब्दों में एक जैसी वस्तुओँ का भाव छिपा होता है। जैसे- 1. रंग – बिरंगे फूलों का गुलदस्ता  2. चाबियों का गुच्छा

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बच्चों वास्तव में समूहवाची शब्दों का प्रयोग हम किसी भी शब्द के साथ नहीं कर सकते। हम परंपरागत रूप से जिस विशेष शब्द का प्रयोग जिस समूह के लिए करते आ रहे हैं, उसका हमें ज्ञान होना आवश्यक है। ताकि हम शुध्द भाषा का प्रयोग कर सकें। अतः हमने जाना

जो शब्द , किसी समूह का बोध कराते हैं, उन्हें समूहवाची शब्द कहते हैं। free wale shabd

नोटों की / ताश की गड्डी
सेना की टुकड़ी
खिलाड़ियों का  दल
भक्तों की  मंडली
लकड़ियों का गट्ठर 
भेड़- बकरियों का  रेवड़
मधुमक्खियों का  छत्ता
मनुष्यों की भीड़
चित्रों की  एलबम
राज्यों का  संघ
पशु/ पक्षियों का  झुंड
धागों की  लच्छी
जहाजों का  बेड़ा
कूड़े का  ढेर
छात्रों की  कक्षा
टिड्डियों का  दल
पर्वतों की  श्रृंखला / श्रेणी
यात्रियों का  जत्था
जुराबों का  जोड़ा
दीपों की पंक्ति

 

मुहावरे और लोकोक्तियाँ ( Idioms and Proverbs ) free wale shabd padho

बच्चों, मुहावरे वाक्यों के ऐसे अंश होते हैं, जिनका विशेष अर्थ होता हैं। जैसे – 1. मम्मी, मुझे बहुत भूख लगी है। =
मम्मी मेरे पेट में चूहे कूद रहे हैं।  2. मम्मी मेरे पेट में चूहे कूद रहे हैं।  = साँप के देखते ही दीदी के हाथ- पैर फूल गए। बच्चों, दोनों के नीचे लिखे पहले वाक्यों में वाक्यों का अर्थ है, परंतु दूसरे वाक्यों में रंगीन अंशवाले  वाक्य मुहावरे हैं। इन वाक्यांशो के प्रयोग से भाषा अधिक प्रभावशाली बन जाती है। मुहावरों के अर्थ उसके विशेष अर्थ से लगाया जाता है। मुहावरों का वाक्य में प्रयोग करते समय उनमें आए क्रिया शब्दों को लिंग, वचन और काल के अनुसार बदला जा सकता है।

मुहावरे अर्थ
 अंधे की लाठी एकमात्र सहारा
अँगूठा दिखाना कुछ देने से इंकार कर देना
अकल का दुश्मन   मूर्ख व्यक्ति
आँखों का तारा बहुत प्यारा
आँखें खुलना       होश आना
आँखों में धूल झोंकना धोखा देना
आग – बबूला होना क्रोध करना
ईद का चाँद होना बहुत दिनो बाद दिखना
कमर कसना तैयार होना
काम तमाम करना मार डालना
गुड़ गोबर करना काम बिगाड़ देना
घी के दीये जलाना खुशी मनना
चार चाँद लगाना मान बढ़ाना
दाँत खट्टे करना बुरी तरह हराना
दाल में कुछ काला होना कुछ संदेह होना
नमक- मिर्च लगाना बढ़ा – चढ़ा कर कहना
नौ दो ग्यारह होना भाग जाना
पानी – पानी होना लज्जित होना
फूला न समाना बहुत प्रसन्न होना
बाएँ हाथ का खेल बहुत आसान काम
नाक काटना बदनाम करना
खून खौलना गुस्सा आना
पीठ ठोंकना  प्रशंसा करना
हाथ बँटाना मदद करना
नाक में दम करना परेशान करना

 

कुछ मुहावरों के अर्थ व उनका वाक्य में प्रयोग free wale shabd seekho

  1. धुन का पक्कालगन का पक्का 

वाक्य – मोहित धुन का पक्का है, इसलिए परीक्षा में अच्छे अंक लाया।

2. आसामान सिर पर उठानाबहुत शोर करना 

वाक्य – भूख लगने पर शिशु ने रो – रोकर आसमान सिर पर उठा लिया। 

3. दौड़ – धूप करनाबहुत परिश्रम करना

वाक्य – सफलता पाने के लिए दौड़ – धूप करनी पड़ती है। 

4. जान पर खेलना साहस का काम करना 

वाक्य – सैनिक अपनी जान पर खेलकर देश की रक्षा करते हैं।

5. नानी याद आनाहोश उड़ना 

वाक्य – पुलिस को देखते ही चोर को नानी याद आ गई।

लोकोक्तियाँ free wale shabd

बच्चों, लोगों के अनुभवों पर आधारित उक्तियों ( कथनों ) को लोकोक्तियाँ कहते हैं।

जैसें – 1. एक अनार सौ बीमार   2.  चिराग तले अँधेरा    3. कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी

बच्चों, ऊपर दिए चित्रों के नीचे लिखे वाक्यों को पढ़कर समझ गए होगे कि क्रमशः एक वस्तु, अनेक इच्छुक और अपना दोष न दिखना तथा दुष्ट व्यक्ति कभी नही सुधरते होने का अर्थ स्पष्ट कर रहै है। इन्हें लोकोक्ति कहते है। लोकोक्ति शब्द के मेल से बना है – लोक ( लोग ) + उक्ति ( प्रचलित बात ) ।

यह लोगों के अनुभवों के आधार पर बनती है और प्रायः बातचीत के द्वारा सरलता से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित हो जाती है। वास्तव में ये पूरा वाक्य ही होती है। यदि इनका प्रयोग वाक्य में न् भी किया जाए, तब भी यह अपना पूरा- पूरा अर्थ प्रकट करती हैं। लोकाक्तियों का दूसरा नाम कहावतें हैं।

लोगों के अनुभव पर आधारित कथनों को लोकोक्तियाँ कहते है। free wale shabd kya hai

  1. दूध का दूध, पानी का पानी- ( उचित न्याय करना ) बीरबल ने बूढ़ी अम्मा को राजा से न्याय दिलाकर दूध का दूध पानी का पानी कर दिया।
  2. नाच न जाने आँगन टेढ़ा -( स्वयं काम न आने पर दूसरों को दोष देना ) अमन से प्रश्न हल नहीं हो रहा था, तो वह कहने लगा कि यह प्रश्न गलत है। यह तो वही बात हो गई नाच न जाने आँगन टेढ़ा। 
  3. पाँचों अँगुलियाँ बराबर नहीं होती- ( सभी लोग एक समान नहीं हैं ) हमारे कुछ पड़ोसी अच्छें हैं, तो कुछ खराब भी हैं इसे कहते हैं – पाँचों अँगुलियाँ बराबर नहीं होती
  4. चोर की दाढ़ी में तिनका ( दोषी व्यक्ति, अपने दोष के कारण स्वयं डरता है। ) राधा से प्रेस करते समय माँ की साड़ी जल गई तो उसकी घबराहट देखकर माँ समझ गईं कि चोर की दाढ़ी में तिनका है। 
  5. खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे ( शर्मिंदा होने पर दूसरे पर क्रोध निकालना ) नितिन समय पर काम नहीं कर पाता। घर आकर सबसे झगड़ा करने लगता हैं। यह तो वही बात हुई – चेखिसियानी बिल्ली खंभा नो
  6. घर का भेदी लंका ढावे  -( आपसी फूट से सर्वनाश होना ) चोरी के पैसों को लेकर चोरों के बीच फूट पड़ गई। एक ने पुलिस को सूचना दे दी, सारा पैसा पुलिस ले गई। घर का भेदी लंका ढ़ावे।
  7. छोटा मुँह बड़ी बात ( अपनी योग्यता से बढ़कर बात करना ) नौवीं पास सुमन को मैंने स्कूल में आया के पद पर रखा था । स्कूल में मेरे पद को देखकर मुझसे कक्षा अध्यापिका बनने की बात करने लगी। मैने कहा – यह ते छोटा मुँह बड़ी बात है
  8. साँच को आँच नहीं – ( जो सच्चाई के रास्ते पर होते हैं, उन्हें डर नहीं होता ) दादाजी ने चोर से कहा, सच – सच बता, किसने तुम्हें चोरी को कहा, साँच को आँच नहीं आती । 
लोकोक्ति अर्थ
सहज पके सो मीठा होय धीरे – धीरे किया गया कार्य अच्छा होता है।
मुँह में राम बगल में छुरी देखने में सज्जन, हदय से कपटी
रस्सी जल गई, पर बल न गया शक्तिहीन होने पर भी घमंड न जाना
होनहार बिरवान के होते चीकने पात योग्य व्यक्ति के लक्ष्म बचपन में ही पहचाने जाते है
ईश्वर की माया, कहीं धूप कहीं छाया भाग्य की विचित्रता
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता अकेला व्यक्ति कोई काम नहीं कर सकता
कंगाली में आटा गीला मुसीबत में और मुसीबत आना
खरबूजे को देखकर खरबूजे का रंग बदलता हैं संगति

 

इस पोस्ट में free wale shabd को बहुत ही सही तरह से बताया गया है. आप लोग इसको ओपेन कीजिये और अन्तिम तक पढिये।

 

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