Free 800+ Bada oo Ki Matra Wale Shabd

दोस्तो आज मैं लोगो के लिए हिन्दी में Bada oo ki Matra बड़ा ऊ का मात्रा के बारे में सीखाऊँगी जो आप के बच्चे को पसन्द आयेगा । बड़ा ऊ की मात्रा वाले शब्द ( Bada oo ki Matra Wale Shabd ) आप लोगो को पता है कि हिन्दी अपने भारत में कितना जरूरी है। हिन्द लगभग सारे राज्य में बोला जाता है।

इस लिए बच्चे को हिन्दी कि भी अच्छी जानकारी दीजिए, बच्चे L.K.G. U.K.G. से ही स्कूल में मात्रा का जानकारी लेना शुरू कर देते है। इसलिए मैं भी इस मात्रा वाले साइट से आप लोगो के सहायता के लिए मात्रा अच्छा जानकारी उपलब्ध कराऊँगी। मात्रा का बहुत ही जरूरी है, क्योकि  छोटी – छोटी मात्रा के भूल से हिन्दी पढ़ना – लिखना नही आता यहा तक बचपन से मात्रा का ज्ञान न होने पर बड़े होने पर गलती होती रहती है।

यहाँ तक की प्रतियोगिता में बड़े लोगो के लिए मात्रा का मिस्टेक होने से ही आप का नम्बर कट जाता हैं। मात्रा को लोग कम्पटीशन में कि तैयारी में भी सीखते है। इसलिए  मात्रा आना बहुत कितना जरूरी है।

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  • बड़ा ऊ की मात्रा वाला दो अक्षर का शब्द
  • ऊ की मात्रा वाले तीन अक्षर का शब्द
  • ऊ की मात्रा वाले चार अक्षर का शब्द
  • बड़ा ऊ की मात्रा वाले पाँच अक्षर का शब्द

Bada oo Ki Matra Vale Do Akshar ka Shabd

अब मैं आप लोगो को दो अक्षर वाले शब्द को लिखने को बताऊँगी जो कि बच्चों को स्कूल में होमवर्क दिया जाता हैं वह आकर मोबाइ इंटरनेट के प्रयोग से जानकारी लेना चाहते हैं इसलिए अब आप लोगो सुविधा के लिए मैं इस पोस्ट पर  100  शब्दों का बड़ा ऊ की मात्रा के शब्द दिये हैं ताकि इस पोस्ट में आसानी से मिल सके।

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दो अक्षर वाले ऊ की मात्रा का शब्द

  जून कूप कूड़ा
कूदा  कूटा खून
भूल  चूक भूमि
कूद सूप लूट
खूटा चूड़ा चूड़ी
धूप  मूल पूत
फूल सूध लूना 
लूक दूर  झूक
झूला हूस  सूख
सूँस सूई सूगा
लूँगा सूक्ष्म सूक्त
शून्य शूर भूरा 
जूरा रूप  रूठ
रूखा रूचि रूक
रूई मूँग सूँघ
मूँगा मूछ मूड़
मूठ मूठ मूर्ति
सूर्ति मूली सूली
जूली जूही मूस
बूआ जूआ बूका
बूझ बूट बूटा
जूता सूता पूरा 
पूजा पूप पूँजी 
सूजी पूर्व  पूर्वा
पूर्ति फूर्ति पूर्ण
धूर धूप धूम्र
दूजा दूज दूत
ऊन तूत ऊबा
ऊषा ऊँचा ऊट

 

Bada oo Ki Matra Wale Teen Akshar Vala Shabd

 

मैं तीन अक्षर वाला शब्द इस पोस्ट में लिखूँगी जो होमवर्क में बच्चों को टीचर देते हैं, बच्चे घर पर आकर होमवर्क लिखने में परेशान होते है। तो बच्चे अपने पैरेंट से बोलते हैं, आज के पैरेंटस के पास टाइम नही रहता वह तुरन्त इंटरनेट पर सर्च करते हैं। तो चलिए मैं आज तीन अक्षर वाले शब्द को जाने

तीन अक्षर वाले बड़ा ऊ की मात्रा वाला शब्द

सूअर  सूचक सूखना
सूघर लूटना लूकना
झूकना झूमका झूलनी
सूघँना सूगनी लूतना
मूरचा खूरपा मूर्छित
मूलक मूरत मूसला
बूकना बूझना सूचना
फूँकना सूरत रूकना
पूछना फूँलना फूटना
सूजन पूरब पूजक
पूजन पूरना जूगाड़
रूपम रूपक दूषक 
दूषण मूसक दूधिया
झूलना झूमना झूमर
चूमना चूरमा सूरमा
चूरन चूसना चूषक
घूरना घूमना घूँटना
घूघँट घूँघर खूटना

 

बड़ा ऊ की मात्रा वाले चार अक्षर का शब्द

कूटनीति कूड़ावाला सूखवाना
फूलवारी  कूड़ेदान खूटकना
घूमवाना चूरचूरा रुपवाली
रूपवाला रूकवाना फूकवाना
चूड़ामणि जूताखोर तुमड़दान 
तूसदान पूजमान पूरबला
मूरझाना पूछताछ पूजनीय
पूगीफल पूँजीदार पूँजीपति
भूतवादी भूखण्ड भूमिदण्ड
भूमिहार भूमिधर भूमितल
सूचीकर्म सूक्ष्मता सूर्योदय
सूनसान सूतधार सूचीकार
सूचीपत्र दूरभाषा दूतवास
ऊर्ध्वाधर ऊर्धपात ऊष्मादक
मूर्तिकार भूमापक फूलगोभी
फूलदार फूलदानी चूड़ादानी

 

पाँच अक्षर वाला शब्द ऊ की मात्रा-

रूपकरण रूपअलकांर सूक्ष्मदर्शिता
सूरजमूखी मूलद्रव्य मूलनिवासी
भूमध्यरेखा कूटप्रबन्ध ऊटपटांग
पूरनमासी रूचिकरण पूर्णमावासी
ऊर्ध्वपातन ऊर्ध्वप्रवाह मूँगफली
मूलोच्छेदन मूलभूमि मूसाफिर

 

बड़ा ऊ की मात्रा वाले वाक्य

  • पूजा फूलदान रख दो ।
  • मूली बाजार से लाओ।
  • सूपा घर में रख जायेगा।
  • शालू किताब पढ़ लो
  • कूड़ादान टुट जायेगा ।
  • कबूतर दाना खाता है।
  • चबूतर पर चप्पल निकाल।
  • आलू का मूल्य बताओं।
  • राजू, शालू का भाई है।
  • पूनम चूरन का डिब्बा ला।
  • पूजा खरबूजा खा।
  • चूड़ी की दुकान कहा है।
  • भालू बच्चो को नाच दिखाया।
  • अनूप बाजार से तरबूज ला।
  • राजू काजू मत खा ।
  • चूहा तेज से दौड़ा।
  • सूरज पूरब में उगा।
  • रूवि झूला मत झूल।
  • धूप बहुत तेज।
  • जूही राजपूत है।
  • फूलवारी से फूल ला।
  • शीलू पूजा कर रही।
  • मूवी देखने का सूचना मिला।
  • जून का महीना आ गया।
  • कूड़ा जरूर फेक दो।
  • गेहूँ के खेत लहरा रहे हैं।
  • ऊंट पानी पी रहा था।
  •  भूकम्प आने वाला है।
  • मूर्ति कितना सुन्दर है।
  • पूनम आज घूमने जायेगी।
  • जूही ऊँचाई पर चढ़ी।
  • स्कूल में आज बन्दर आया।
  • धूप अब नही लग रहा।
  • रामू होमवर्क भूल गया।

बड़ा ऊ की मात्रा वाला कहानी

साहू के घर में चोर घूस आया था। कार्तिक मास में गाँव के लोग कपास के बदले उससे घर की कई चीजें खरीदते। कोई तेल, तो कोई नमक, मिर्च – मसाले आदि। कपास का मौसम था। साहू का घर कपास से भरा गया। उसी गाँव में चोर रहता था । साहू के कोठे को कपास से भरा देखकर उसका मन ललचा गया। उसने सोचा क्यों न कपास की ही चोरी की जाए,।

जब चोर घर में घूस रहा था, साहू जाग रहा था । दालान में सेठ की चारपाई थी। सेठ जान – बूझकर खर्राटे भरने लगा। चोर ने सोचा साहू सो रहा है। उसने सेठ की चारपाई के पास अपनी नई चादर बिछा दी। वह कोठे में घुसा और कपास की पूरी खेप लाकर चादर पर रख दी। फिर चोर कोठे के भीतर चला गया।

अवसर पाकर साहू चूपचाप दबे पाँव उठा और कपास के नीचे से चादर निकाल ली। चोर फिर आया कपास लेकर। चादर को अपने सिर के नीचे दबाए हुए साहू खर्राटे भर रहा था। चोर कपास निकालता रहा और ढेरी बनाता रहा। अँधेरे में उसे पता ही नहीं चला कि चादर नीचे नहीं है।

जब उसने गाँठ बाँधने के लिए चादर के पल्ले पकड़ने का प्रयत्न किया तो चादर हाथ ही न लगे। चोर बहुत हैरान हुआ । ‘कहा लुप्त हो गई चादर? बड़े  अचंभे की बात है।’ चोर सोच रहा था। इतनी देर में साहू ने अपने पत्नी को अवाज दी, जरा आना मेरे पास। मुझे एक सपना आया है। अभी सुनाऊँगा।

चोर कोने में छिपकर खड़ा हो गया। वह बहुत डर गया था। साहू की पत्नी अलसाए स्वर में कहा, सोने दो मुरारी के बापू। तुम्हें तो नींद आती नहीं। हमें भी तंग करते हो। अरी भाग्यवान सुन तो सही बड़ा बढ़िया सपना है। तो लेटे – लेटे सुना दो न वही से।

साहू ने रजाई से मुँह निकालकर सपने की कहानी सुनाई, एक था चोर । सुन रही हो? ‘‘ हा आगे कहो’’  तो चोर था, वह घुस गया चोरी करने साहू के घर में । चोर कोने में खड़ा- खड़ा तंग आ गया था। वह समझ गया, सेठ समय लेना चाहता है ताकि सुबह हो जाए औ वह रंगे हाथों पकड़ा जाए। पर कोई चारा नहीं था।

घर में सब जाग रहे थे  तो कैसे निकले बाहर? उधर साहू की पत्नी पूछ रही थी, फिर क्या हुआ? अरी भाग्यवान होना क्या था? चोर अनाड़ी था। नई चादर लेकर घुसा साहू के घर में, बावला। चोर मन- ही -मन कुढ़ रहा था। उसे अनाड़ी और बावला कहकर चिढ़ाया जा रहा था और वह कुछ भी नहीं कर सकता था ।

साहू ने बात आगे बढ़ाई और मूर्खता देख साहू की पत्नी, चोरी भी करने निकला तो कपास की। भला औऱ कोई चीज नहीं मिली गधे को । फिर क्या हुआ ? साहू की पत्नी ने कहा। उसे सपने की कथा में रस आने लगा था। तो क्या हुआ? साहू की पत्नी ने कही, कपास का ढेर चढ़ाने लगा चादर पर । जब ढेर पूरी हो गई तो गाँठ बाँधने लगा कपास की । पर चादर तो वहाँ थी ही नहीं। पर कहा चली गई?

‘‘छू- मंतर हो गई।’’ तो साहू की पत्नी पूछ रही । तो फिर क्या हुआ? साहू की नींद खुल गई  और उसने जोर – जोर से कहना शुरू कर दिया, चोर – चोर । चोर -चोर। यह शोर होते ही छुप हुआ चोर भागा और  चिल्लाया, ‘‘तू कहाँ का साह है? मेरी दस रूपये की नई चादर हथिया ली तूने। अब तो नही आयेगा कभी । साहू ने हँसते हुए कहाँ। चोर ने कान पकड़ा और भाग गया ।

 

तो मेरे दोस्तो कहानी कैसी लगी अगर अच्छा लगा हो तो इस पोस्ट को शेयर किजिये, और कमेंट किजिए।

 

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