तो दोस्तो इस पोस्ट में मैं अ से लेकर अः तक का स्वर वर्ण के मात्रा वाले शब्द को Words padhna kaise sikhayen अच्छी तरह से पढ़ने – लिखने को सिखा दी हूँ। और मुझे आशा है कि मेरे Matra wale साइट से आप लोग पढ़ना पसन्द करेगें । मैं आप लोगो को इसी तरह से आप के बच्चों स्वर, व्यजंन, शब्द, वाक्य, और पढ़ने के लिए इन्ट्रेस्टीगं कहानी का आर्टिकल लिखूँगी।
जो आप अपने बच्चे को पढ़ाने – लिखाने में असानी से समझ और समझा सके। छोटे बच्चों को जीतना असान भाषा में समझाया जाय, उतना ही अच्छा होता है। L.K.G, U.K.G, Class 1, के स्टूडेन्ट को सरल भाषा में सिखाना चाहिए, जोकि उनको सिखने में कठिनाया न आए।
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Words padhna kaise sikhayen
मात्रा वाला शब्द को अ से अं तक सीखते हुए मैं इस आर्टिकल में कुछ व्यजंन के वर्ण जोड़ने को बताऊँगी। दो अक्षर, तीन अक्षर, चार अक्षर, जो समझने में असान लगेगा आप अच्छी तरह से समझ सकेगें ।व्यंजन की एक – एक वर्ण को जोड़कर शब्द बनाएगें। जैसे – क् + अ = क, च् + अ = च, प् + अ = प,
दो वर्णों का जोड़
क + ल = कल
प + र = पर
च + ल = चल
ह + ल = हल
ह + र = हर,
न + र = नर
प + थ = पथ
छ + त = छत
र + थ = रथ
ब + ल = बल
फ + ल = फल
ज + ल = जल
Free me Words padhna kaise sikhayen
इसी तरह से दो वर्णों को जोड़कर एक शब्द बनाया गया हैं। आइए अब कुछ शब्द पढ़ा जाए।
तक , यश, रख, गम,
घर,पर, चख, रथ, झट,
जग, पग, मग, तक,
अब, रट, चट, मत, नल,
हर, हल, नर, पर, झट,
पठ, जग, पग, खग, कप
पद, हक, धर, सर, कह,
सन, गम, कम, मन, सम
चलिए अब हम लोग स्वर और व्यंजन का मेल सिखेगें यहाँ स्वर एवं जोड़कर मात्रा वाला शब्द बनाया जाता हैं।
जैसे – आ की मात्रा जोड़ने पर
र + ा + ध + ा = राधा
म + ा + म + ा = मामा
द + ा + द + ा = दादा
म + ा + न = मान
श + ा + न = शान
ख + ा + न = खान
चाचा, पापा, काका, जाना
लाला, माया, छाया, आना
दाया, बाया, खाना, लाया
ee ki mata wale words kaise padhayen
इ की मात्रा को व्यंजन में जोड़ने पर
ल + ि+ ख + ा लिखा
प + ि त + ा पिता
ख + ि + ल + ा खिला
ज + ि + ल +ा जिला
चिखा, दिखा, सिया, किया,
पिया, दिया, रिया, लिया
बिना, सिला, दिन, टिना
अब देखिये स्वर का बड़ी ई की मात्रा को व्यंजन में जोड़ने पर
badi e ki matra wale words kaise padhna sikhayen
न + ी + र = नीर
ख + ी + र = खीर
झ + ी + ल = झील
न + ी + ल = नील
त + ी + न = तीन
स +ी + न = सीन
जीरा, हीरा, मीरा, लीला
पीला, धीरे, शीला, वीणा
नीम, हींग, दीप, सीप
कीप, तीस, बीस, मीट
तीन वर्णो का जोड़
तीन वर्णों की जोड़ से स्कूल में बच्चों टीचर होमवर्क लिखने को देते हैं, L.K.G, U.K.G. के विद्यार्थी को इस तरह शब्द लिखने में परेशान हो जाते है। तो उनके पैरेन्ट गूगल में सर्च करके बच्चे को लिखने को देते हैं इस लिए मैं इस आर्टिकल के माध्यम से आप लोगो को तीन अक्षर का शब्द उपलब्ध कराऊँगी, इनको बच्चे असानी से लिख – पढ़ ले।
म + द + न = मदन,
म + ट + र = मटर,
क + ल + श = कलश
न + ग + र = नगर,
प + क + ड़ = पकड़,
स + ड़ + क = सकड़
म + ह + ल = महल,
ट + ह + ल = टहल,
अ + म + न = अमन
यहा भी दो वर्णो की तरह तीन वर्ण जोड़कर एक शब्द बनाया गया हैं इस शब्द को ध्यान से पढ़े।
Teen akshar wale shabd padhna seekhe
कमल, चहक, पकड, नहर, पहर, सजग, उधर,
इधर, पवन, अमर, अजय, करन, सजन, लगन,
जगत, असम, बतख, पकड़, शहर, जहर, कलह
तीन वर्ण के व्यंजन में स्वर का मेल आ की मात्रा
क + ा + म + न+ ा कामना
स + ा + म + न + ा सामना
ह + ा + र + न + ा हारना
म + ा + न + त + ा मानता
अ +ा + क +ा + श आकाश
स + म + ा + य + ा समाया
अजाद, अघात, प्राप्त.
पावन, सावन, सनाया
पराया, सताया, बताया
खराब, शराब, हराया
आइये बच्चों अब स्वर का कविता सिखे।
अनार बाग में बैठा था। वह आम के आने की राह देख रहा था।
आम घर में इलायची लेकर आने वाला था। आते समय उसे खेत ईंख दिखा।
आम खेत में जा घुसा। खेत में एक उड़नखटोला रखा था।
आम उड़नखटोले पर बैठ गया। वह उड़नखटोला एक ऊदबिलाव का था।
उसने आम की शिकायत ऋषि महराज से कह दी।
वह अपने कुटिया में एकतारा बजा रहे थे। ऋषि महाराज ऐनक पहन रखी थी।
उनकी कुटिया के बाहर एक ओखली रखी थी। ओखली के समीप एक औरत
बैठकर अंगूर खा रही थी। उसने अंगूठी भी पहन रखी थी।
चूहाँ ने जब अंगूठी देखी तो उसके मुँह से अः निकला।
उसने औरत से कहा आप मुझे यह अंगूठी दे दीजिये।
और मेरा उड़नखटोला ले लीजिए। औरत मान गई।
उसने चूहाँ को अपनी अंगूठी दे दी। फिर वह चूहाँ के साथ
खेत की ओर चल दी। वहाँ वह उड़नखटोले पर बैठ गई।
श्याम के दोस्तों की कहानी
एक बार की बात है श्याम अपने गांव में अपने दोस्तों के साथ पश्चिम दिशा में खेलने के लिए गया था। उसके साथ उसके तीन दोस्त थे। एक दोस्त का नाम विजय मौर्या था दूसरे का नाम सौरभ था और तीसरे का नाम बालकिशन था। यह चारों लोग आपस में घनिष्ठ मित्र थे। जहां कहीं जाना होता था। यह सभी एक साथ अक्सर जाया करते थे। चाहे स्कूल जाने की बात हो चाहे बाजार जाने की बात हो चाहे कहीं किसी दावत में खाने जाने की बात हो यह चारों दोस्त हमेशा एक साथ आया जाया करते थे।
लेकिन एक दिन ऐसा संजोग हुआ कि सौरव मौर्या टमाटर बेचने बाजार चला गया और बाकी के तीन दोस्त किसी दूसरे गांव पर एक शादी में भोजन के निमंत्रण पर चले गए। जब यह बात सौरभ को पता चला कि यह तीनों उसे छोड़ कर के अकेले निमंत्रण में चले गए तो सौरभ को बहुत गुस्सा आया और गुस्से से लाल होता चला गया।
उसके बगल के दुकान वालों ने पूछा कि बेटा तुम्हें क्या हो गया है तो वह कुछ बता नहीं सका और अंदर ही अंदर आग बबूला हो उठा। उसने फोन अपनी जेब से निकाला और श्याम की पूरी टीम को फोन करके गालियां देना शुरू कर दिया और कहा धिक्कार है तुम्हारी दोस्ती पर। आज के बाद चार लोगों की टोली में से एक दोस्त हमेशा हमेशा के लिए किनारे हो जा रहा है। आज के बाद मैं अकेला रहूंगा, मेरा ना कोई दोस्त रहेगा और ना मैं किसी का दोस्त रहूंगा और तुम तीनों का रास्ता अलग और मेरा रास्ता अलग।
दोस्तों इस कहानी से हमें सीखना चाहिए कि अगर दोस्ती है तो उसे निभाना चाहिए और हमेशा एक दोस्त को पूछना चाहिए समझना चाहिए। सिचुएशन अपनी बताना चाहिए और उसकी सिचुएशन को भी समझना चाहिए ताकि दोस्ती में कभी दरार ना आए और नाराजगी भी ना आये।
आज का पोस्ट कैसा लगा कमेंट करके हमें जरूर बताइएगा हम आपके लिए इस तरह का पोस्ट वेबसाइट पर लाते रहेंगे धन्यवाद।