दोस्तो आज का पोस्ट है Bhaarat Mein Nirdhanata Va Berojagaaree भारत में निर्धनता व बेरोजगारी का सारे प्रश्न बनाए गये है। जो सभी प्रश्न उत्तर वनलाइनर में दिए गये है। कम्पटीशन के सभी परीक्षा में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न है। आगे की सब्जेक्ट का जानकारी चाहिए तो आप इस साइट matrawale.com पर आए और सर्च करे।
Table of Contents
भारत में निर्धनता व बेरोजगारी
- निर्धनता की माप के लिए निरपेक्ष प्रतिमान का प्रयोग सबसे पहले किसने किया था
जॉन बॉयड ऑर - जॉन बॉयड और किस वैश्विक संस्था के प्रथम महानिदेशक थे
खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) - निर्धनता की माप के लिए निरपेक्ष प्रतिमान का प्रयोग जॉन बॉयड ऑर ने कब किया था
1945 - निरपेक्ष प्रतिमान के माध्यम से निर्धनता माप करने की विधि को क्या कहा जाता है
हैड काउंट रेशियो (Head Count Ratio) - यूनिफॉर्म रिकॉल पीरियड तथा मिक्स्ड रिकॉल पीरियड किसका आकलन करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं
निर्धनता रेखा आकलन - भारत में निर्धनता की माप हेतु भारत सरकार के विशेषज्ञ दल द्वारा निर्धनता रेखा के निर्धारण का पहला प्रयास कब किया गया
1961 - कौन से वित्त आयोग ने गरीबी की पुरानी अवधारणा के स्थान पर नई अवधारणा का प्रयोग करते हुए वर्द्धित गरीबी रेखा (Augmented Poverty Line) की संकल्पना का प्रतिपादन किया
7वें वित्त आयोग ने - 1993-94 में किसकी अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ दल द्वारा योजना आयोग के पूर्व आंकड़ों को अविश्वसनीय बताते हुए निर्धनता की माप के लिए वैकल्पिक फॉर्मूले का उपयोग करने का सुझाव दिया गया
डी. टी. लकड़वाला - ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा एन.सी. सक्सेना समिति कब गठित की गई थी
अगस्त 2008 - मई 2012 में केंद्र सरकार ने निर्धनता रेखा के निर्धारण हेतु किस समिति का गठन किया
रंगराजन समिति - किस समिति ने निर्धनता की पहचान हेतु कॉस्ट ऑफ लिविंग का फॉर्मूला दिया
सुरेश तेंदुलकर समिति - वर्ष 2011 में प्रस्तुत किस समिति की रिपोर्ट ने BPL के निर्धारण हेतु मासिक उपभोग व्यय को आधार माना
सुरेश तेंदुलकर समिति - सुरेश तेंदुलकर समिति ने ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा एक दिन में कितने रुपए खर्च न कर पाने को गरीबी रेखा का नया पैमाना माना
27.2 रुपए प्रतिदिन - सुरेश तेंदुलकर समिति ने शहरी क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा एक दिन में कितने रुपए खर्च न कर पाने को गरीबी रेखा का नया पैमाना माना
33.3 रुपए प्रतिदिन - सुरेश तेंदुलकर समिति के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाला 5 सदस्यों वाला एक परिवार कितने रुपए एक माह में खर्च नहीं कर पाने पर गरीबी रेखा से नीचे माना जाएगा
4,080 रुपए मासिक - सुरेश तेंदुलकर समिति के अनुसार शहरी क्षेत्र में रहने वाला 5 सदस्यों वाला एक परिवार कितने रुपए एक माह में खर्च नहीं कर पाने पर गरीबी रेखा से नीचे माना जाता है
5,000 रूपए मासिक - सुरेश तेंदुलकर समिति ने भारत की कितनी आबादी को गरीबी रेखा से ( BPL) माना
21.9 प्रतिशत - जुलाई 2014 में किस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गाँवों में 32 सযা प्रति व्यक्ति प्रतिदिन खर्च करने वाला गरीब नहीं है
सी. रंगराजन समिति - सी. रंगराजन समिति ने शहरों में कितने रुपए रोजाना खर्च करने क व्यक्ति को गरीब नहीं माना
47 रुपए - सी. रंगराजन समिति ने भारत की कितनी आबादी को गरीबी (BPL) माना
29.5 प्रतिशत रेखा से नीचे - सी. रंगराजन समिति ने ग्रामीण क्षेत्र में कितने लोगों को माना गरीबी
30.9 प्रतिशत - सी. रंगराजन समिति ने शहरी क्षेत्र में कितने लोगों को माना शहरी क्षेत्र में कितने लोगो को गरीबी रेखा से नीचे माना
26.4 प्रतिशत - नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2021 के कितने लोग गरीब हैं अनुसार भारत में
25.01 प्रतिशत - नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2021 के अनुसार किस राज्य में सबसे कम (0.71%) लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं
केरल - नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2021 के अनुसार किस राज्य में सबसे ज्यादा (51.91%) लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं
बिहार - विश्व बैंक ने प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कितने डॉलर से कम कमाने वाले व्यक्ति को गरीबी रेखा से नीचे माना है
1.90 डॉलर प्रतिदिन - वर्ष 2015 से पहले प्रतिदिन कितने डॉलर से कम कमाने वाले व्यक्ति को गरीबी रेखा से नीचे माना जाता था
1.25 डॉलर प्रतिदिन
भारत में बेरोजगारी
- काम करने योग्य एवं काम करने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए काम का अभाव होना क्या कहलाता है
बेरोजगारी - भारत में मूलतः किस प्रकार की बेरोजगारी पाई जाती है
संरचनात्मक (ढांचागत) बेरोजगारी - भारत में बेरोजगारी के आँकड़े एकत्रित व प्रकाशित करना किस संस्था का काम है
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO)
संरचनात्मक बेरोजगारी
- कौन-सी बेरोजगारी अर्थव्यवस्था के संरचनात्मक ढाँचे से संबंधित है
संरचनात्मक बेरोजगारी - उत्पादन के अन्य कारकों जैसे पूँजी, भूमि आदि की कमी होने पर कौन-सी बेरोजगारी उत्पन्न होती है
संरचनात्मक बेरोजगारी - संरचनात्मक बेरोजगारी का कारण क्या है
अपर्याप्त उत्पादन क्षमता - जोवनात्मक परिवर्तनों जैसे सामाजिक, आर्थिक एवं तकनीकी विकास के रामस्वरूप कुछ उद्योगों का विस्तार होना अबकि कुछ अन्य उद्योगों का ● धीरे-धीरे संकुचित होना किस बेरोजगारी को जन्म देता है
संरचनात्मक बेरोजगारी - कौन सी बेरोजगारी दीर्घकालीन होती है
संरचनात्मक बेरोजगारी
ऐच्छिक बेरोजगारी
- वह स्थिति क्या कहलाती है, जब श्रमिक द्वारा किसी उत्पादन कार्य में जानबूझकर भागीदारी नहीं की जाती वह स्थिति क्या कहलाती है, जब श्रमिक द्वारा किसी उत्पादन कार्य में जानबूझकर भागीदारी नहीं की जाती
ऐच्छिक बेरोजगारी - वह स्थिति क्या कहलाती है, जब व्यक्ति में रोजगार प्राप्त करने की इच्छा नहीं होती
ऐच्छिक बेरोजगारी - वह स्थिति क्या कहलाती है, जब व्यक्ति प्रचलित मजदूरी पर काम करना चाहता
ऐच्छिक बेरोजगारी - स्थायी संपत्ति संचित करने वाले व्यक्ति तथा मजदूरी बढ़ाने के लिए हड़ताल करने वाले व्यक्ति किस प्रकार की बेरोजगारी के उदाहरण हैं
ऐच्छिक बेरोजगारी - किस प्रकार की बेरोजगारी का अर्थव्यवस्था में कोई महत्व नहीं है
ऐच्छिक बेरोजगारी
अनैच्छिक बेरोजगारी (खुली बेरोजगारी)
- वह स्थिति क्या कहलाती है, जब काम ढूंढ़ने पर भी लोगों को काम नहीं मिलता
खुली बेरोजगारी - खुली बेरोजगारी को अन्य किस नाम से जाना जाता है
अनैच्छिक बेरोजगारी - वह बेरोजगारी क्या कहलाती है, जब अर्थव्यवस्था में किसी व्यक्ति द्वारा प्रचलित मजदूरी या इससे कम पर भी कार्य करने की इच्छा व्यक्त की जाती है परंतु उसको कार्य नहीं मिलता
अनैच्छिक बेरोजगारी - वह स्थिति क्या कहलाती है, जब श्रमिकों को रहना पड़ता है, यहाँ तक कि उन्हें थोड़ा बहुत बिना किसी कामकाज के भी काम नहीं मिलता है
खुली बेरोजगारी - श्रमिकों का गाँवों से शहरों की तरफ काम प्राप्त करने के लिए जाना लेकिन काम उपलब्ध न होने के कारण वहाँ बेरोजगार पड़े रहना किस प्रकार की बेरोजगारी का उदाहरण है
खुली बेरोजगारी - शिक्षित बेरोजगार तथा साधारण (अदक्ष) बेरोजगार श्रमिकों को किस प्रकार की बेरोजगारी में सम्मिलित किया जाता है
अदृश्य बेरोजगारी (छुपी हुई बेरोजगारी)
- वह बेरोजगारी क्या कहलाती है, जब श्रमिक बाहर से तो काम पर लगे हुए प्रतीत होते हैं, किन्तु वास्तव में उन श्रमिकों की उस कार्य में आवश्यकता नहीं होती और यदि उस कार्य से निकल दिया जाए तो कुल उत्पादन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा
अदृश्य बेरोजगारी - अदृश्य बेरोजगारी को और क्या कहा जाता है
अदृश्य बेरोजगारी - वह बेरोजगारी क्या कहलाती है जिसकी सीमांत उत्पादक्ता बहुत ही कम होती है या शून्य होती है
अदृश्य बेरोजगारी - भारत में प्रच्छन्न बेरोजगारी सामान्यतः कहाँ दिखाई पड़ती है
कृषि मे
मौसमी बेरोजगारी
- वह बेरोजगारी क्या कहलाती है, जब किसी व्यक्ति को किसी खास मौसम में ही कार्य मिलता है और शेष अवधि में वह बेकार बैठा रहता है
मौसमी बेरोजगारी - किसी विशेष मौसम या अवधि में प्रति वर्ष उत्पन्न होने वाली बेरोजगारी को क्या कहा जाता है
मौसमी बेरोजगारी - भारत में कृषि में सामान्यतः 7-8 माह काम करने वाले व्यक्तियों का शेष महीनों में बेकार बैठना किस प्रकार की बेरोजगारी का उदाहरण है
मौसमी बेरोजगारी
चक्रीय बेरोजगारी
- मंदी के दिनों में प्रभावपूर्ण मांग (Effective demand) में कमी हो जाने के कारण जो बेरोजगारी फैलती है, उसे क्या कहते हैं
चक्रीय बेरोजगारी - जब व्यापार चक्र मंदी की अवस्था से गुजर जाता है, तब किन क्रियाओं में वृद्धि होने से चक्रीय बेरोजगारी कम होने लगती है
आर्थिक क्रियाओं में - किस समय के दौरान पूंजीवादी देशों में फैली बेरोजगारी चक्रीय बेरोजगारी का सबसे बड़ा उदाहरण है
विश्व की महान् मंदी (1929-35) - ऐसे श्रमिक किस प्रकार के रोजगार के अंतर्गत आते हैं जिन्हें थोड़ा बहुत रोजगार मिलता है
अल्प रोजगार - किस प्रकार के रोजगार में श्रमिकों को उनकी क्षमतानुसार काम नहीं मिलता और वे कुछ अंशों तक ही उत्पादन में अपना योगदान दे पाते हैं
अल्प रोजगार
घर्षणात्मक बेरोजगारी (अस्थिर बेरोजगारी)
- बाजार की दशाओं में परिवर्तन (माँग एवं पूर्ति की शक्तियों में परिवर्तन) होने से उत्पन्न बेरोजगारी को क्या कहते हैं
घर्षणात्मक बेरोजगारी - विकसित देशों में प्रायः किस प्रकार की बेरोजगारी पाई जाती है
घर्षणात्मक बेरोजगारी - किस प्रकार की बेरोजगारी विकास से संबंधित है
घर्षणात्मक बेरोजगारी - पुराने उद्योग के बंद होने के कारण श्रमिकों को नया या दूसरा काम सीखने तक जिस बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है, उसे क्या कहते हैं
घर्षणात्मक बेरोजगारी
तकनीकी बेरोजगारी
- उत्पादन में तकनीकी विधियों को लागू करने से जो बेरोजगारी होती है, वह क्या कहलाती है
तकनीकी बेरोजगारी - तकनीकी बेरोजगारी किन क्षेत्रों में हो सकती है
कृषि व उद्योग, दोनों - किसी कारखाने में आधुनिकीकरण व यंत्रीकरण होने से बहुत-से श्रमिकों को किस प्रकार की बेरोजगारी का सामना पड़ता है
तकनीकी बेरोजगारी - कृषि का यंत्रीकरण करने से बहुत-से कृषकों को किस प्रकार की बेरोजगारी का सामना पड़ता है
तकनीकी बेरोजगारी - किस कारखाने में आधुनिकीकरण व यंत्रीकरण होने से बहुत- से श्रमिकों को आधुनिकीकरण तथा यंत्रीकरण होने से किस प्रकार की बेरोजगारी का सामाना करना पड़ता
तकनीकी बेरोजगारी
प्रमुख रोजगार व जन-कल्याण कार्यक्रम
- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की शुरूआत कब की गई
1952 - सामुदायिक विकास कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
देश का समग्र विकास - राष्ट्रीय विस्तार सेवा कार्यक्रम की शुरूआत कब की गई
1953-54 - राष्ट्रीय विस्तार सेवा कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था समन्वित विकास
समन्वित विकास - ग्रामीण आवासीय योजना कब शुरू की गई
1957-58 - ग्रामीण आवासीय योजना का उद्देश्य क्या था
आवास निर्माण - खादी एवं प्रामोद्योग कार्यक्रम की शुरूआत कब की गई
1957-58 - खादी एवं ग्रामोद्योग कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
स्वरोजगार सृजन - बहुउद्देशीय अनुसूचित जनजाति विकास खंड कार्यक्रम की शुरूआत कब की गई
1957-58 - बहुउद्देशीय अनुसूचित जनजाति विकास खंड कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
जनजातीय क्षेत्र विकास - ग्रामीण जनशक्ति कार्यक्रम की शुरूआत कब की गई
1960-61 - ग्रामीण जनशक्ति कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
रोजगार सृजन - ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की शुरूआत कब की गई
1969-70 - प्रामीण विद्युतीकरण योजना का उद्देश्य क्या था
गाँवों का विद्युतीकरण - ऑपरेशन फ्लड योजना कब शुरू की गई
1970 - ऑपरेशन फ्लड योजना का उद्देश्य क्या था
दुग्ध विकास - बालवाड़ी पोषाहार कार्यक्रम की शुरूआत कब की गई
1970-71 - बालवाड़ी पोषाहार कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
बाल कल्याण - ग्रामीण रोजगार क्रैश कार्यक्रम (आरईसीसी) की शुरूआत कब की गई
1971-72 - ग्रामीण रोजगार कैश कार्यक्रम (आरईसीसी) का उद्देश्य क्या था
रोजगार सृजन - पाइलट गहन आमीण रोजगार कार्यक्रम (पीआरआईईपी) की शुरूआत कब की गई
1972-73 - पाइलट गहन ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम (पीआरआईईपी) का उद्देश्य क्या था
रोजगार सृजन - सूखा आशंकित क्षेत्र कार्यक्रम (डीपीएपी) की शुरूआत कब की गई
1973-74 - सूखा आशंकित क्षेत्र कार्यक्रम (डीपीएपी) कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
रोजगार सृजन - न्यूनतम् आवश्यक कार्यक्रम की शुरूआत कब की गई
1974-75 - न्यूनतम् आवश्यक कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
मौलिक सुविधाओं का विकास - बीस सूत्रीय कार्यक्रम की शुरूआत कब की गई
1975 – 75 - बीस सूत्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
समन्वित विकास - समन्वित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) कब शुरू हुई
1975-76 - समन्वित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) का उद्देश्य क्या है
बाल कल्याण - मरुस्थल विकास कार्यक्रम (डीडीपी) की शुरूआत कब की गई
1977-78 - मरुस्थल विकास कार्यक्रम (डीडीपी) का उद्देश्य क्या था
रोजगार सृजन - काम के बदले अनाज योजना (एफएफडब्ल्यूपी) कब शुरू की गई
1977-78 - काम के बदले अनाज योजना (एफएफडब्ल्यूपी) का उद्देश्य क्या था
रोजगार सृजन - अंत्योदय योजना कब शुरू की गई
1977-78 - अंत्योदय योजना का उद्देश्य क्या था
रोजगार सृजन - प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम की शुरूआत कब की गई
1978-79 - प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
प्रौढ साक्षरता में वृद्धि - स्वरोजगार के लिए ग्रामीण युवकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम (TRYSEM) की शुरूआत कब की गई
1979-80 - स्वरोजगार के लिए ग्रामीण युवकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम (TRYSEM) का उद्देश्य क्या है
स्वरोजगार सृजन - अनौपचारिक शिक्षा (एनएफई) योजना कब शुरू की गई
1979-80 - अनौपचारिक शिक्षा (एनएफई) योजना का उद्देश्य क्या था
साक्षरता में वृद्धि - राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम (एनआरईपी) कब शुरू किया गया
अक्टूबर 1960 - राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम किस कार्यक्रम का पुनर्गठित रूप था
काम के बदले अनाज कार्यक्रम - राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
रोजगार सृजन - एकीकृत प्राम्य विकास कार्यक्रम (आईआरडीपी) की शुरुआत कब की गई
1980-81 - एकीकृत प्राम्य विकास कार्यक्रम (आईआरडीपी) का उद्देश्य क्या था
स्वरोजगार सृजन - ग्रामीण महिला तथा बालोत्थान (ड्वाकरा) योजना कब शुरू की गई
1982-83 - ग्रामीण महिला तथा बालोत्थान (ड्वाकरा) योजना का उद्देश्य क्या था
महिला विकास - ग्रमीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम (आरएलईजीपी) का शुभारंभ कब किया गया
15 अगस्त, 1983 - ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
रोजगार सृजन - किशोरी बालिका योजना कब शुरू की गई
1985-86 - किशोरी बालिका योजना का उद्देश्य क्या था
बालिका विकास - इंदिरा आवास योजना कब शुरू की गई
1985-86 - इंदिरा आवास योजना का उद्देश्य क्या था
आवासीय सुविधा - व्यापक फसल बीमा योजना कब शुरू की गई
1985-86 - व्यापक फसल बीमा योजना का उद्देश्य क्या था
फसलों के नुकसान की क्षतिपूर्ति - उद्यमिता विकास कार्यक्रम की शुरूआत कब की गई
1986-87 - उद्यमिता विकास कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
स्वरोजगार सृजन - ग्रामीण विकास की ‘कपार्ट’ योजना कब शुरू की गई
1986-87 - ग्रामीण विकास की ‘कपार्ट’ योजना का उद्देश्य क्या था
स्वरोजगार सृजन - न्यू मॉडल चरखा योजना कब शुरू की गई
1987-88 - न्यू मॉडल चरखा योजना का उद्देश्य क्या था
महिला रोजगार सृजन - ग्रामीण कुटी बीमा योजना कब शुरू की गई
1988-89 - ग्रमीण कुटी बीमा योजना का उद्देश्य क्या था
आकस्मिक क्षति से सुरक्षा - ग्रामीण सामूहिक बीमा योजना कब शुरू की गई
1988-89 - ग्रामीण सामूहिक बीमा योजना का उद्देश्य क्या था
आकस्मिक क्षति से सुरक्षा गई - कुटीर ज्योति कार्यक्रम की शुरूआत कब की
1988 – 89 - कुटीर ज्योति कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था
विद्युतीकरण - ग्रामीण विकास तथा रोजगार गारंटी के संदर्भ में एक महत्वाकांक्षी योजना ‘जवाहर रोजगार योजना’ कब शुरू की गई
अप्रैल 1989 - दुग्ध विकास टेक्नोलॉजी मिशन योजना कब शुरू की गई
1988-89 - दुग्ध विकास टेक्नोलॉजी मिशन का उद्देश्य क्या था
दुग्ध विकास - दस लाख कूप योजना (एमएसडब्ल्यू) कब शुरू की गई दस लाख कूप योजना का उद्देश्य क्या था
1989-90 - जवाहर रोजगार योजना (जेआरवाई) कब शुरू की गई
1989-90 - जवाहर रोजगार योजना का उद्देश्य क्या था
रोजगार सृजन - महिला समाख्या योजना कब शुरू की गई
रोजगार सृजन - महिला समाख्या योजना का उद्देश्य क्या था
महिला सशक्तिकरण