Free 999 Badi E ki Matra Wale Shabd

प्रिया पाठको बड़ी ई की मात्रा वाले शब्द की जानकारी इस पोस्ट पर दी गई है। आज के समय में सभी प्रकार कि मात्राओ कि जानकारी होना जरूरी है। क्योकि  बिना मात्रा ज्ञान के वाक्या कि रचना करना असम्भव हैं। मात्रा ज्ञान ही वाक्यो को सही और सार्थक बनाने में मदद करता हैं।

कक्षा 1 के लिये बड़ी ई की मात्रा का ज्ञान

बड़ी ई की मात्रा का ज्ञान नर्सरी से  UKG, LKG तक तो दिया ही जाता है लेकिन कक्षा 1 एक में भी जरूरत पड़ने पर बड़ी ई कि मात्रा का ज्ञान देना जरूरी होता है। इस लिए कक्षा 1 में शूरूआती समय में मात्रा ज्ञान स्कुलों बताया जाता है।

badi e ki matra
Badi E ki matra wale shabd

हिन्दी बोल चाल में ई की मात्रा कि जानकारी

हिन्दी में बोल -चाल में या लेख लिखने में मात्रा को जानना जरूरी है। लिखते समय जितना भी शब्द मिलता है सारे वर्ण पर मात्रा का प्रयोग होता है। इ और ई कि मात्रा में भिन्न होता है।  उदाहरण में  पीता – पिता इसका अर्थ अलग -अलग  है।  इस पीता का अर्थ पानी पीने में होगा ,और इस पिता का अर्थ पापा होगा।

badi E ki matra wale shabd  ई की मात्रा वाला शब्द

तो दोस्तो मैं आज आप लोगो को बड़ी ई की मात्रा का बहुत सारा  शब्द इस पोस्ट पर उपलब्ध कराऊँगी। मुझे आशा है कि इस लेख से बड़ी ई मात्रा लिखना सीखेगें आप लोग matra wale से पढ़ते रहिए। और मैं आप लोगो को इसी तरह सभी मात्रा का ज्ञान उपलब्ध कराऊँगी।

बड़ी ई मात्रा दोंं अक्षरों में – 

गीता  सीता रीता
फीता लीला जीरा
शीला शीशी दीदी
दीप  दीन दीघी
दीसा दीआ सीटी
सीड़ी सीझ सीमा
ही,ही हीन हीक
हीरा  शील शिष्य
फीर फीका शिर्ष
प्रीती धीमी सीमी
पीठ पीछे भीड़
भीगा भीना कीप
कीर कीली सीप
जीप जीभ जीवा
जीना जीव पीड़ा
पीपा खीर खीरा
मीरा सीरा सीखा
खीला खाल खीझ
खीली सीसी शीत
शीघ्र शीर्ण बीज
बीणा वेणी पंक्षी
वीर्य वीर बीना
लीख लीला लीर
लीन मीना मीन
रीठा रीना रीझ
रीढ़ रीमा रीया
रीति  बीत बीता
बीच बीस बीघा
बीज बीबी नीच
नीचे नीम नीब
नीक नील नीलू
नीव नीद धीम
धीमा धीआ धीर
धीरे  धीरा द्वीप
तीता तीखा तीर
तीय तीन तीया
तीज तीक्ष्ण तीहा
जीम जीण  जीजा
जीवी दादी जीजी
चीर जीयाँ चीप
चीया टीप चीन
चीनी चीटी चीची
चाची चीता चीना

 

बड़ी ई की मात्रा तीन अक्षर वाला 

गीदड़ पीतल भीसड़
कीचड़ कीमत कीरति
कीलिका कीर्तन कीकना
कीस्मत खीचना खीझना
खीपना चपली  चपाती
चीकना चीथड़ चीनिया
चीनना चीथना सीटना 
सीचना सीखना सीकर
सीठना सीझना सीतला
वीरता धीरता वीजन
विथिका लीलीया लीपना
लीचड़ लीझना  लीलना
नीलिमा रीधना रीझना
रीतना रीसना मीनार
मीमांसा मीलित भीगना
भीखन बीकना भीनना
भीतरी भीड़ना भीजना
बीमार बीनना बीथित
बीसवा बीजाल बीजरी
सीकरी सीधरी बीहड़
पीहर पपीता फीसला
पीरत छीतर भीतर
पीड़ित प्रीतम नीचाई
नीमन नीलाम नीरज
नीरद नीहारा नीझरा
दीपना दीपन दीधिति
दीक्षण दीक्षिता तीरथ
तीछरा तीवर तीव्रता
तीसरा तीराहा तीनका
तीखन  तीछन तीसवा
टीपना झीगुर झीखना

 

बड़ी ई की मात्रा चार अक्षर वाला शब्द

तीरपन तीसरवा तीलमिला
पीतरस पीतांबर पीतसार
पीततुड़ पीतरस बीचोबीच
बीजकर्ता बीजगणित बीमांकन
मीमांसित सीटपटा सीलसील
सीसफूल सीमाबन्ध सीमांकन
सीधापन सीसमहल हीरामन
हीरासत हीलवाना शीतकरण
शीतज्वर शीर्षकोण प्रीतिभोज
कीर्तिमान कीलशायी कीर्तनिया

 

बड़ी ई की मात्रा वाले वाक्या
Badi E ki matra wala waky

मीरा वीणा बजा रही है। गीता अच्छा गीत गाती है। रवी एक चालक है। राखी बजार जाती है। शीला बीजगणित पढ़ती है। मीना मीठा बोलती है। गीली कपड़े उधर रख। रीना आम लाती है। काली माँ शक्तिशाली है। शीशी टुट गई। दीवार पर घड़ी लगा दो। हीरा अपना बैल ला । सीता स्कुले से आती है। गाय हरी – हरी घास खाती है। परी नमकीन ला । पीपल की पत्ती मत तोड़। हीरी जीरी नाचती है। रीता पीली साड़ी पहनती है। लड़की बहुत सुन्दर है। रहीम का कविता पढ़। इमली खट्टी होती  है।

मीना दीया जला रही है। नीतू नीलू सहेली है। राखी थाली सजा रहीं है। प्रदीप विमान ला। बकरी हरी घास चरती है। सीमा को बुखार है। चिकित्सा खुला हुआ है। तरोई हरी होती है। फौजी देश के सिपाही है। मिनक्षी कम्पूटर चलाती है। पानी अधिक बर्षा । पीरू गाँव को पसन्द करती है। मनीष की कमीज गुलाबी है। माधुरी दीपक बुझ गया । चीता जगंल का राजा है। प्रीती कुलदीप की बहन है। रानी रोती है। सोनी मंदिर जा रही है।

ई की मात्रा वाले कहानी 

नीलू की कहानी उनकी माँ के कहानी की तरह है कि वह एक दुसरे के बिना नही रह पाती थी । नीलू की माँ लूसी अल्सेशियन प्रजाति की थी । हिरनी के समान वेगवाती, साँचे में ढली हुई देह, जिस पर काला आभास देने वाले भूरे – पीले रोम बुद्धिमानी का पता देती आँखे, टखनों को छूती पूँछ उसे सामान्य कुत्तों से भिन्न करती थी। उत्तरायण में एक रास्ता मोटर गाड़ी तक जाती थी। उसके उसके अन्त में मोटर – स्टाप पर केवल एक ही दुकान थी जहाँ खाद्य सामग्री प्राप्त हो सकती थी ।

यह रास्ता शीतकाल में बर्फ से ढक जाता था । दुकान तक पहुँचना संभव न होने के कारण हम सब लूसी के गले में रूपये और सामग्री की सूची के साथ एक बड़ा थैला या चादर बाँधकर उसे सामान लाने भेज देते थे। लूसी बर्फ में मार्ग बनाकर सभी रूकावटों को पार कर दुकान तक पहुँच जाती । दुकानदार गले से कपड़ा खोलकर रूपये और सूची लेने उपरांत सामान की गठरी उसे गले या पीठ से बाँध देता और लूसी उसे लेकर सकुशल लौट आती ।

एक दिन किसी पर्वतीय गाँव से बर्फ में भटकता हुआ एक कुत्ता दुकान पर आ गया और लूसी से उसकी मित्रता हो गई । उन्हीं सर्दीयों में लूसी  ने दो बच्चों को जन्म दिया । एक तो शीत के कारण मर गया किंतु दूसरा उस ठिठुराने वाले परिवेश से जूझता रहा। चार-पाँच दिन के बच्चे नीलू को छोड़कर लूसी फिर दुकान तक आने – जाने लगी।

एक संध्या के झुटपुटे में लूसी ऐसी गई कि फिर लौट ही न सकी। नीलू दूध के अभाव में शोर मचाने लगा। दुग्ध – चूर्ण से दूध बनाकर उसे पिलाया जाता और उसके हरारत  के लिए हमने एक मुलायम ऊन और बुना जाकिट की झोला  में रख दिया ।

बड़ा हुआ तो वह भूरा  और काले रंगों के मिलन से जो कलर का बना था, वह एक तरह का धूप – छाँही लगता  था। सिर ऊपर की ओर अन्य कुत्तों से बड़ा और चौड़ा था, पर वह सुडौल था। पूँछ अल्सेशियन कुत्तों की पूँछ के समान सघन रोमों से युक्त, पैर भी लंबे अल्सेशियन कुत्तों जैसे, पर पंजे भटिये के समान मजबूत और नाखूनों से युक्त थे।

आकार की गुण के साथ उनकी  बल और बुध्दि  भी अच्छी थी। उसका  छलांग भी काफी तेज था वह एक छलांग में दिवार पार कर जाता था। रात में उसका एक बार भौंकना भी वातावरण की स्तब्धता को कंपित कर देता था। वह बहुत ही गर्वीला और दर्प से युक्त था। उसके प्रिंय भोजन को कोई फेंककर देता तो वह खानें की ओर देखता तक नहीं था ।यदि किसी बात पर झिड़क दिया जाता तो उसे बड़ी देर तक मनाना पड़ता।

 

आज का यह पोस्ट कैसा लगा आप कमेन्ट में जरुर बतायें। धन्यवाद।

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