नमस्कार मेरे प्यारे दोस्तों आज का मेरा पोस्ट है,Swachchhta Abhiyan Par Nibandh स्वच्छता – अभियान की सामाजिक सार्थकता ( Social significance Of cleanliness campaign ) आप लोगो को भारत में स्वच्छता कितना बदलाव हो रहा है। देखिए दोस्तों स्वस्थ रहने के लिए सबसे पहले हमें स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए। भारत में महात्मा गांधी स्वच्छता पर विशेष योगदान दिया है। भारत भी स्वच्छता अभियान चलता आ रहा है।
दोस्तों अब इसके बाद मोदी जी ने जनपथ जाकर स्वच्छता अभियान की शुरूआत की। इस अवसर पर उन्होने लगभग 40 मिनट का भाषण दिया और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया । अपने भाषण के दौरान उन्होने महात्मा गाँधी और लालबहादुर शास्त्री का जिक्र करते हुए बड़ी ही खूबसूरती से आजादी से पहले नारा दिया था, ‘क्विट इण्डिया क्लीन इण्डिया।’
आजादी की लड़ाई में उनका साथ देकर देशवासियों ने क्विट इण्डिया के सपने को तो साकार कर दिया, लेकिन अभी उनका ‘क्विट इण्डिया’ के सपने को तो साकार कर दिया, लेकिन अभी उनका ‘क्लीन इण्डिया’ के सपने को तो साकार कर दिया।
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प्रस्तावना ( Introduction ) Swachchhta Abhiyan
‘स्वच्छता अभियान’ एक राष्ट्र स्तरीय अभियान है। गाँधी जी की 145वी जयन्ती के अवसर पर माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस अभियान के आरम्भ की घोषणा की। यह अभियान प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक हैं। 2 अक्टूबर, 2014 को उन्होने राजपथ पर जनसमूह को सम्बोधित करते हुए सभी राष्ट्रवासियों से स्वच्छता अभीयान में भाग लेने और इसे सफल बनाने की अपील की।
साफ – सफाई के सन्दर्भ में देखा जाए तो यह अभियान अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है। साफ – सफाई को लेकर दुनिया भर में भारत की छवि बदलने के लिए प्रधानमन्त्री जी बहुत गम्भीर हैं। उनकी इच्छा स्वच्छा अभियान को एक जन – आन्दोलन बनाकर देशवासियों को गम्भीरतापूर्वक इससे जोड़ने की है।
हमारे नवनिर्वाचित प्रधानमन्त्री जी ने 2 अक्टूबर के दिन सर्वप्रथम गाँधी जी को राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर नई दिल्ली स्थित वाल्मीकि बस्ती में जाकर झाड़ू लगाई। कहा जाता है कि वाल्मीकि बस्ती दिल्ली में गाँधी जी का सबसे प्रिय स्थान था। वे अक्सर यहाँ आकर ठहराते थे।
मोदी जी की स्वच्छता अभियान की संकल्पना Swachchhta Par Nibandh
माननीय मोदी जी की स्वच्छता अभियान की संकल्पना यह हैं कि देश के प्रत्येक शहरी और ग्रामीण परिवार में एक स्वच्छ शौचालय हो, जिन घर – परिवारों में स्थानाभाव के कारण शौचालय बनाया जाना सम्भव न हो, वहाँ पर सुलभ सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाए। देश के प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के प्रत्येक विद्यालयों में छात्र – छात्राओं के लिए स्वच्छ और पृथ्वक् – पृथ्वक् शौचालय हों।
उनकी इस संकल्पना से जहाँ सिर पर मैला ढोने की अमानवीय प्रथा समाप्त होगी, वहीं देश की उन करोड़ों महिलाओं को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्राप्त होगा, जिनकों खुले में शौच के लिेए जाना पड़ता है। उन बालिकाओं के विद्यालय जाने का मार्ग प्रशस्त होगा, जो विद्यालयों में अलग शौचालयों की व्यवस्था न होने के कारण विद्यालय नहीं जा पाती।
मोदी जी की स्वच्छता अभियान की संकल्पना केवल शौचालयोें के निर्माण तक ही सीमित नहीं है। उनका प्रयास है कि देश का प्रत्येक कोना स्वच्छ हो।
स्वच्छता अभियान की शुरूआत Swachchhta
स्वच्छता अभियान की शुरूआत माननीय मोदी जी ने महात्मा गाँधी जी की जयन्ती पर 2 अक्टूबर, 2014 ई0 को राजपथ से लोगो को स्वच्छता की शपथ दिलाकर की । इस दिन उन्होने स्वयं मन्दिर मार्ग, नई दिल्ली स्थित वाल्मीकि बस्ती जाकर झाड़ू लगाकर फुटपाथ की सफाई की और स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत बने पहले जैविक शौचालय ( बायो टॉयलेट ) को जनता को समर्पित किया।
स्वच्छता अभियान हेतु नवरत्नों की घोषणा Swachchhta Abhiyan Par Nibandh
स्वच्छता अभियान से देश के प्रत्येक नागरिक को जोड़ने के लिए माननीय प्रधानमन्त्री जी ने 2 अक्टूबर को ही देश के नौ प्रतिष्ठित लोगों को नवरत्नों के रूप में नामांकित किया, जिनसे प्रेरणा ग्रहण करके देश के लोग स्वच्छता अभियान में पूर्ण मनोयोग से लग जाएँ।
उनके ये नवरत्न हैं – अनिल अम्बानी, सचिन तेन्दुलकर, सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा, बाबा रामदेव, कमल हसन, मृदुला सिन्हा, शशि थरूर और शाजिया इल्मी। इसके अलावा उन्होंने टी0 वी0 सिरियल तारक मेहता का उल्टा चश्माकी सम्पूर्ण टीम को भी नामित किया हैं।
इसी प्रकार, 7 नवम्बर, 2014 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के असी घाट पर मोदी जी ने स्वच्छता अभियान के लिए उत्तर – प्रदेश के नवरत्नों के रूप में भी नौ प्रसिद्ध लोगों को नामंकित किया। इन नौ लोगों में प्रदेश के मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव, क्रिकेटर मुहम्मद कैफ तथा सुरेश रैना, हास्य टी0 वी0 कलाकार राजू श्रीवास्तव, सूफी गायक कैलाश खेर, भोजपूरी फिल्म अभिनेता मनोज तिवारी लेखक मनु शर्मा, संस्कृत विद्वान पदमश्री प्रोफेसर देवीप्रसाद द्वेदी, आन्ध्र विश्वविद्यालय चित्रकूट के कुलपति जगद्गुरू रामभद्राचार्य सम्मिलित हैं।
मोदी जी ने इन लोगों के नामांकन के साथ इन सभी का आहान किया कि ये सभी लोग अपने स्तर पर नौ – नौ और लोगों को इस अभियान हेतु नामांकित करें, इस प्रकार लोगों की एक श्रृंखला बनती चली जाएगी और देश के सभी लोग इस अभियान से जुड़कर भारत को स्वच्छ बनाने में सफल होंगे।
स्वच्छता अभियान का प्रारूप
स्वच्छता अभियान भारत सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर चलाया गया जन – आन्दोलन है, जिसका प्रयास सन् 2019 तक सम्पूर्ण भारत को स्वच्छ बनाना है। सरकारी सहायता हेतु अभियान को तीन क्षेत्रों में विभक्त किया गया है।
1. शहरी क्षेंत्रों के लिए
अभियान का उद्देश्य 1.04 करोड़ परिवारों को लक्षित करते हुए 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय, 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय और प्रत्येक शहर में एक ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की सुविधा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत आवासीय क्षेत्रों में जहाँ व्यक्तिगत घरेलू सौचालयों का निर्माण करना मुश्किल हैं वहाँ सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करना तथा पर्यटन स्थलों, बाजारों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों जैसे प्रमुख स्थानों पर भी सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करना प्रस्तावित है।
यह कार्यक्रम पाँच साल की अवधि में 4401 शहरों में लागू किया जाएगा। इस कार्यक्रम में खुले में शौच करने को रोकना, स्वच्छ शौचालयों को फ्लश शौचालयों में परिवर्तित करने, मैला ढोने की प्रथा का उन्मूलन करने, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता से जुड़ी प्रथाओं के सम्बन्ध में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के कार्यक्रम शामिल हैं।
2. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए
स्वच्छता अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए माँग – आधारित एवं जन – केन्द्रत अभियान है, जिसमें लोगों की स्वच्छता सम्बन्धी आदतों को बेहतर बनाना, स्वसुविधाओं की माग उत्पन्न करना और स्वच्छता सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके । अभियान का उद्देश्य पाँच वर्षों में भारत को खुला शौच से मुक्त देश बनाना है।
अभियान के तहत देश में लगभग 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण के लिए एक लाख चौतीस हजार करोड़ रूपये खर्च किए जाएँगे। बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग कर ग्रामीण भारत में कचरें का इस्तेमाल उसे पूँजी का रूप देते हुए जैव उर्वरक और ऊर्जा के विभिन्न रूपों में परिवर्तित करने के लिए जाएगा। अभियान को युद्ध – स्तर पर प्रारम्भ कर ग्रामीण आबादी और स्कूल शिक्षकों व छात्रों के बड़े वर्गो के अलावा प्रत्येक स्तर पर इस प्रयास मे देश भर की ग्रामीण पंचायत, समिति और जिला परिषद् को भी इससे जोड़ा जाना हैं।
3. विद्यालयों के लिए
मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के अधीन स्वच्छ विद्यालय अभियान 25 सितम्बर, 2014 से 31 अक्टूबर, 2014 ई0 के बीच केन्द्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालय में आयोजित किया गया । इस दौरान की जाने वाली गतिविधियाँ इस प्रकार रही।
- शिक्षाकगण स्कूल कक्षाओं के दौरान प्रतिदिन बच्चों के साथ सफाई और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर, विशेष रूप से महात्मा गाँधी जी की स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ी शिक्षाओं के सम्बन्ध में बात करें।
- कक्षा, प्रयोगशाला और पुस्तकालयों आदि की सफाई करना।
- स्कूल में स्थापित किसी भी मूर्ति या स्कूल की स्थापना करने वाले व्यक्ति के योगदान के बारे में बात करना और इनकी मूर्तियों की सफाई करना।
- शौचालयों और पीने के पानी वाले क्षेत्रों की सफाई करना।
- रसोई और भण्डारगृह की सफाई करना।
- स्कूल एवं बगीचों का रख- रखाव और सफाई करना।
- खेल के मैदान की सफाई करना।
- स्कूल – भवन का वार्षिक रख – रखाव, रँगाई एवं पुताई के साथ।
- निबन्ध, वाद – विवाद, चित्रकला, सफाई और स्वच्छता पर प्रतियोगिताओँ का आयोजन करना।
- बाल मन्त्रिमण्डलों का निगरानी दल बनाना और सफाई अभियान की निगरानी करना।
इसके अलावा फिल्म-शो स्वच्छता पर निबन्ध/ पेन्टिंग और अन्य प्रतियोगिताओं, नाटकों आदि के आयोजन द्वारा स्वच्छता एवं अच्छे स्वास्थ का अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को शामिल करते हुए सप्ताह में दो बार आधे घण्टे सफाई अभियान शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा।
उपसंहार
आशा की जा सकती है कि स्वच्छता अभइयान की संकल्पना निश्चय ही साकार होगी, क्योकि जिस अभियान के प्रणेता माननीय नरेन्द्र मोदी जैसे कर्मठ, श्रमशील, ईमानदार और राष्ट्रवादी व्यक्ति हों उसकी सफलता में किसी प्रकार का सन्देह नहीं किया जा सकता है। जिस दिन यह अभियान सफलतापूर्वक सम्पन्न हो जाएगा उस दिन न केवल कश्मीर, वरन् सम्पूर्ण भारत देश धरती का स्वर्ग कहलाएगा।