Class 6 हिन्दी व्याकरण संज्ञा, लिंग, वचन

मेरे प्रिय छात्र एवं छात्रा आज का मेरा पोस्ट है,  Class 6 हिन्दी व्याकरण संज्ञा, लिंग, वचन ( Class 6 Hindi Grammar Noun, Number ) ये टॉपिक आप लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।  बच्चों यह दुनिया बहुत बड़ी है। इसमें बहुत – सी वस्तुएँ हैं, लोग है, स्थान हैं और हम इस दुनिया में रहते हैं। तो बच्चों आप हर रोज इस बस्तु , स्थान का नाम लेते रहते है। इन्हे को हम हिन्दी ग्रामर में संज्ञा  बोलते है। किसी व्यक्ति, प्राणी, स्थान, वस्तु और भाव आदि को संज्ञा कहते है।

Class 6 हिन्दी व्याकरण संज्ञा, लिंग, वचन

तो स्टूडेन्टस आप कक्षा 1 से ही हिन्दी व्याकरण पढ़ते आ रहे है, लेकिन इस matra wale साइट पर आइये। Class 6 हिन्दी व्याकरण संक्षा, लिगं वचन ( Class 6 Hindi Grammar Noun, Number)  संसार की समस्त वस्तुएँ, प्राणी और भाव पुरूषसूचक अथवा होते हैं। इनका ज्ञान लिंग द्वारा होता है। शब्द से जिस रूप से संज्ञा शब्दो के पुरूष या स्त्री होने का बोध हो. उसे लिंग कहते है।

बच्चों आप लोग अगर कक्षा 6 में हिन्दी व्याकरण अच्छे पढ़ लेते है। तो आप का बेसिक मजबूत हो जायेगा। इस तरह हिन्दी व्याकरण आप को कक्षा 12 तक पढ़ना होता है। उसके बाद भी आगे यही कम्पटीशन में आप असानी से तैयार कर लेगें। तो मेरे प्यारे छात्रो जिन शब्दों के माध्यम से संख्या का बोध होता है, उन्हें वचन कहते है। जैसे – दो – दो अंडे , चालीस विद्यार्थी, पाँच भाई।

Class 6 हिन्दी व्याकरण संज्ञा

परिभाषा –  कोई वस्तु, स्थान, और व्यक्ति , भाव , गुण के नाम हो उसे हम संज्ञा कहते है।

मनुष्यों के नाम –   अभिनव, छवि, महेंद्रनाथ, सावित्री, लड़का, आदमी, बच्चा, नारी, औरत, वृद्ध आदि।
प्राणियों के नाम –  कोयल, मोर, शेर, हाथी, चिड़िया, भेड़, तोता, जिराफ, जेबरा, बाज, चील, कबूतर, आदि।
भावों के नाम –     प्रभुता, ममता, मित्रता, बचपन, निकटता, कुशलता, गर्मी, उड़ान, दूरी, मानवता, लंबाई, सुंंदरता आदि।
वस्तुओं के नाम –  मेज, कुर्सी, डेस्क, अलमारी, गेहूँ, चावल, दाल, आम, सेब, गाजर, हवाई,- जहाज,
स्थानों के नाम –   शिमला, मुंगेर, भोपाल, गाजियाबाद, बाजार, पर्वत, हिमालय, कन्याकुमारी, अमरीका, अमृतसर आदि।

Class 6 हिन्दी व्याकरण संज्ञा, लिंग, वचन
Class 6 हिन्दी व्याकरण संज्ञा, लिंग, वचन

संज्ञा के भेद –   संज्ञा के मुख्यतः तीन भेद हैं –

  1.  व्यक्तिवाचक  संज्ञा  जो शब्द किसी विशेष व्यक्ति, विशेष स्थान और विशेष वस्तु का बोध कराते है, वे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे – रामचरित मानस, हमारा भारत ( वस्तु – पुस्तकें ), लता मंगेशकर, विवेकानंद ( व्यक्ति), गाजियाबाद, कोलकाता ( स्थान ) आदि।
  2.  जातिवाचक संज्ञा   जो शब्द एक प्रकार के प्राणियों , वस्तुओं और स्थानों का बोध कराते हैं, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे – बूढ़ी, गधा, दाल, गाँव, कुर्सी, साइकिल, दुकान, बिल्ली, लड़का आदि।

जातिवाचक संज्ञा के दो भेद माने गए हैं

( क ) द्रव्यवाचक संज्ञा  वे शब्द, जो किसी धातु, द्रव्य या पदार्थ का बोध कराते हैं, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – सोना, चाँदी, मिट्टी, रेत, गेहूँ, चावल, दूध आदि।

( ख ) समुदायवाचक संज्ञा  वे शब्द, जो किसी एक जाति के जाति के व्यक्तियों या वस्तुओं आदि के समुदाय या समूह का बोध कराते हैं, उन्हें समुदायवाचक संज्ञा कहते है।   जैसे – भीड़, कक्षा, सेना, सभा, परिवार, मंडली, गुच्छा झुंड, दल आदि।

3.भाववाचक संज्ञा

जो शब्द किसी व्यक्ति और वस्तु के गुण, स्थिति, दशा और भाव आदि का बोध कराते हैं, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे – गरीबी, समता, दानवता, देवत्व, मधुरता, सौंदर्य, घबराहट, मिठास आदि।

सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना

सर्वनाम  भाववाचक
मम ममता, ममत्व
अपना अपनापन
निज निजत्व
पराया परायापन

 

संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना

 संज्ञा भाववाचक
स्व स्वत्व
आप आपा
सर्व सर्वस्व
अहं अहंकार

 

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा

जातिवाचक भाववाचक
सेवक सेवा
इन्सान इन्सानियत
बड़ा बड़प्पन
ऊँचा ऊँचाई
स्त्री स्त्रीत्व
नौकर नौकरी
पंडित पंडित्य
युवक यौवन
भाई भाईचारा
वकील वकालत
ठग ठगी
बूढ़ा बुढ़ापा
पशु पशुत्व
रंग रंगत
मिठाई मिठास
मित्र मित्रता
माता मातृत्व
जवान जवानी

विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना

विशेषण भाववाचक
सर्द सर्दी
मीठा मिठास
भूखा भूख
चौड़ा चौड़ाई
गर्म गर्मी
मोटा मोटापा
कंजूस कंजूसी
निकट निकटता
हरा हरियाली
ठण्डा ठण्डक
ऊँचा ऊँचाई
दूर दूरी
कायर कायरता
गरीब गरीबी
स्वस्थ स्वास्थ्य

 

क्रिया से भाववाचक संज्ञा

क्रिया भाववाचक
लूटना लूट
बोना बुवाई
लेना-देना लेन – देन
जीतना जीत
चलना चाल
माँगना माँग
कातना कताई
धोना धुनाई
थकना थकावट
खेलना खेल
पढ़ना पढ़ाई
सजना सजावट
पछताना पछतावा
चिल्लाना चिल्लाहट

लिंग

लिंग के दो भेद हैं

  1. पुल्लिंग      2. स्त्रीलिंग

1.पुल्लिंग – पुरूष जाति का बोध कराने वाले शब्द पुल्लिंग कहलाते हैं। जैसे – बाजार, वृद्ध, नर, आम, पापड़, फूल आदि।

2. स्त्रीलिंग – स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्द स्त्रीलिंग कहलाते है। जैसे – गली, बुढ़िया, कली, नारी, चटनी, ककड़ी आदि।

‘ आ’ जोड़कर लिंग – परिवर्तन 

 पुल्लिंग स्त्रीलिंग
प्रिय प्रिया
छात्र छात्रा
अध्यक्ष अध्यक्षा
मूर्ख मूर्खा
सदस्य सदस्या
शिष्य शिष्या
महोदय महोदया
आचार्य आचार्या
आदरणीय आदरणीय
बाल बाला
अपराजित अपराजिता
भवदीय भवदीया
कबूतरी कबूतरी
चींटा चींटी
नर नारी
हिरन हिरनी
जाट जाटनी
सिंह सिंहनी
मोर मोरनी

ख ) नी  जोड़कर लिंग – परिवर्तन 

ऊँट ऊँटनी
शेर शेरनी
चोर चोरनी
मजदूर मजदूरी
राक्षस राक्षसनी
मोर मोरनी
भील भीलनी
जाट जाटनी
सिंह सिहंनी

लिंग की पहचान 

संसार की समस्त वस्तुओं और प्राणियों आदि के नाम होते हैं। इन नामों को ही संज्ञा कहते है। समस्त संज्ञा पुल्लिंग या स्त्रीलिंग होती हैं। इन्हें पहचानने के कुछ नियम हैं। कुछ संज्ञा शब्द सदा पुल्लिंग होते हैं और कुछ सदा स्त्रीलिंग होते हैं।

सदा पुल्लिंग रहने वाले संज्ञा शब्द

देश के नाम –    सभी देशों के नाम पुल्लिगं होते हैं। जैसे – भारत, नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, यूगोस्लाविया ( श्रीलंका – स्त्रीलिंग है ) 
दिनों के नाम –  सोमवार, मंगलवार, बुधवार आदि।
द्रव्य पदार्थों के नाम – तेल, पेट्रोल, दूध, घी आदि । ( चाय, लस्सी – स्त्रीलिंग है।) 
पर्वतों के नाम –  हिमालय, आल्पस, विन्ध्य, शिवालिक आदि।
फलों के नाम –   पपीता, केला, आम, अमरुद आदि। ( लीची – स्त्रीलिंग है ) 

समय – सूचक नाम – मिनट, क्षण, घंटा, दिन, महीना आदि । ( दोपहर, रात, संध्या, शाम – स्त्रीलिंग हैं। ) 
महीनों के नाम –  सभी भारतीय महीनों के नाम, जैसे – चैत्र, वैशाख, आदि। जनवरी, फरवरी, मई, जुलाई, को छोड़कर शेष महीने पुल्लिंग हैं।
ग्रहों के नाम –  सूर्य, चंद्र, मंगल, आदि। ( पृथ्वी – स्त्रीलिंग है )
अनाजों के नाम – गेहूँ , चावल, चना आदि। ( मक्की, ज्वार – स्त्रीलिंग हैं.)
धातुओं के नाम –  सोना, लोहा, पीतल आदि । ( चांदी – स्त्रीलिंग है)
वृक्षों के नाम –  अशोक, जामुन, पीपल, नीम आदि। ( इमली  – स्त्रीलिंग )
वर्णमाला के नाम – इ , ई, ऋ, के अतिरिक्त सभी वर्ण पुल्लिंग हैं।

सदा स्त्रीलिंग रहने वाले शब्द

  1. भाषा के नाम – हिंदी, पंजाबी, संस्कृत, बंगला, आदि।
  2. बोलियों के नाम – हरियाणवी, अंगिका, पहाड़ी, मैथिली आदि।
  3. लिपुयों के नाम – देवनागरी, अरबी, रोमन, गुरूमुखी आदि।
  4. तिथियों के नाम – पूर्णिमा, अमावस्य़ा, एकादशी, दशमी आदि।
  5. नदियों के नाम – गंगा, यमुना, व्यास, सतलुज, नर्मदा आदि।
  6. शरीर के कुछ अंगों के नाम – नाक, कान, मूँछ. जीभ, टाँग आदि।

7. जिन शब्दों के अंत में ई ( रोटी ), उ ( वायु ), आ ( छात्रा ), आहट ( मुस्कराहट ) , आवट ( सजावट ), आई ( मिलाई ), आरी ( पिचकारी ), इया ( गुड़िया ), त ( चाहत ), री ( सुन्दरी ) , ह ( सुबह ), आ ( मजा ) आदि आएँ. वे शब्द स्त्रीलिंग होते हैं। 

वचन ( Number )

वचन दो प्रकार के होते है।

1.एकवचन ( Singular ) – जिस शब्द से एक संख्या का बोध होता है, उसे एकवचन कहते है, जैसे – गाड़ी, कुर्सी, घर आदि।

2. बहुवचन ( Plural ) – जिस शब्द से एक से अधिक संख्याओं का बोध हो, उसे बहुवचन कहते है, जैसे- पाँच किताबे, दस मालाएँ आदि।

आइए अब वचन परिवर्तन के कुछ नियम समझे,

( क ) ‘अ ’ का ‘ एँ’ में परिवर्तन करके –

एकवचन बहुवचन
रात रातें 
बात बातें
नहर नहरें
सड़क सड़के
बोतल बोतले
बहन बहनें
भैंस भौॆसे
चीज चीजें
किताब किताबें

 

वचन की पहचान 

वचन की पहचान दो प्रकार  से हेती हैं

1.संज्ञा और सर्वनाम के द्वारा – संज्ञा और सर्वनाम पदों द्वारा एकवचन और बहुवचन का बोध निम्न प्राकर से किया जाता है।

एकवचन बहुवचन
मैं विद्यालय गया। हम विद्यालय गए।
कुली ने सामान उठाया कुलियों ने सामान उठाया।
दिनकर ने कविता लिखी। दिनकर ने कविताएँ लिखी।
मैंने कहानी सुनी। हमने कहानी सुनी।
उसने भाषण दिया। उन्होंने भाषण दिए।
रानी घर गई । रानियाँ घर गई।
लड़का खेल के मैदान में है। लड़के खेल के मैंदान में हैं।

इन वाक्यों में कुली, कविता, संज्ञा शब्द है। मैं, मैने, उसने सर्वनाम शब्द है। ये सभी एक वचन शब्द हैं। कुलियों, कविताएँ संज्ञा शब्द हैं। हम, हमने, उन्होंने सर्वनाम शब्द हैं। ये सभी बहुवचन शब्द हैं।

2. क्रिया शब्दों द्वारा

एकवचन बहुवचन
मैंने केला खाया। मैंने केले खाए।
छात्र ने निबंध लिखा। छात्रों ने निबंध लिखे।
बंदर पेड़ पर बैठा है। बंदर पेड़ बैठे हैं।
नौकर आ गया। नौकर आ गए।

इन वाक्यों में संज्ञा और सर्वनाम शब्दों का वचन क्रिया शब्दों भिन्न – भिन्न प्रयोग से पता चलता है।

एक वचन क्रिया है =  खाया, लिखा, बैठा है, आ गया।
बहुवचन क्रिया है   = खाए., लिखे, बैठे हैं, आ गए।

सदा एकवचन और बहुवचन रहने वाले शब्द

1. सदा एकवचन रहने वाले शब्द – कुछ संज्ञा शब्द सदा एकवचन में रहते हैं। इन्हें ‘नित्य एकवचन’ कहा जाता है, जैसे – पानी, दूध, घी, मक्खन, वर्षा, आकाश, सोना, जनता, आग आदि।

(क) पानी बह गया है
(ख) सारा दूध गिर गया।
(ग) आग तेजी से फैल गई।

2. सदा बहुवचन रहने वाले शब्द – कुछ संज्ञा शब्द सदा बहुवचन में रहते हैं। इन्हें ‘नित्य बहुवचन’ कहते है। जैसे – दर्शन, लोग, बाल, होश, आँसू, हस्ताक्षर, प्राण आदि।

(क) लोग आ गए।   (ख) सारा दूध गिर गया।  (ग) शेर को देखकर शिकारी के होश उड़ गए।

 

 

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